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अग्रि भारत समाचार से जिला संवाददाता कादर शेख की रिपोर्ट✍️

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कोविड सेन्टर में कार्यरत आयुष चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्सो ने अपनी मांगों को लेकर क्षेत्रिय विधायक कांतिलाल भूरिया को सौपा ज्ञापन।


झाबुआ । 03 अक्टूंबर। राष्ट्रीय विपत्ति कोविड-19 में आदर्श नागरिक के रूप में आयुष चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाॅफ द्वारा क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया को ज्ञापन सौंपकर सेवा का टाईम पीरियड बढ़ाने एवं अन्य मांगो को लेकर भूरिया के निवास पर पहुंचकर भूरिया जी को ज्ञापन सौंपा। आयुष चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ के प्रतिनिधियों ने श्री भूरिया जी से ज्ञापन सौंप कर निवेदन किया कि संपूर्ण भारत में चिकित्सकों की कमी का डिंडोरा हर समय पिटा जाता रहा है। देश प्रदेश में चिकित्सकों की कमी से इंकार नहीं किया जा सकता, ऐसे में झाबुआ जैसे आदिवासी बाहुल जिल में जहां बड़वा प्रथा का अंधविश्वास लोगों में व्याप्त हो वहां चिकित्सकों की आवश्यकता से इंकार नहीं किया जा सकता है। शासन एवं नागरिकों के लिए यह नितांत आवश्यक है कि आमजन की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाए, जिसमें जनस्वास्थ प्रमुख है, इसी कड़ी में जब कोविड-19 को प्रभाव प्रदेश एवं जिले में हो तो ग्रामीण एवं आदिवासी समाज से पूर्ण जिलें में यह नितांत आवश्यक हो जाता है कि उन भौले-भाले ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाए, और उनके बहुमुल्य जीवन की रक्षा की जाए। 

शासन ने इस ओर अधूरा कदम उठाया है, ऐलोपेथी के साथ-साथ आयुष चिकित्सकों एवं नर्स को अल्प अवधि के लिए सेवा प्रदान करने का अवसर दिया गया है । चिकित्सकों की मांग है कि कोविड-19 का प्रभाव अभी समाप्त नही हुआ है और  संक्रमित मरीजों की संख्या दिनप्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। जिले में भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिले के छोटे-छोटे कस्बे एवं फलिये भी इस महामारी से अछूते नहीं है। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए एवं मरीजों का उपचार करने हेतु व्यापक रूप से चिकित्सकों  एवं नर्सों की आवश्यकता होगी। ऐसे में मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयुष चिकित्सकों एवं नर्सों को मात्र एक माह की सेवा की अवधि बढ़ाने से जहां एक ओर चिकित्सक हत्तोसाह होंगे वही दूसरी ओर उपचार व देख-रेख की स्थाई व्यवस्था ध्वास्त होने की संभावना बढ़ी रहेगी। चिकित्साकों ने मांग की है कि स्थाई नीति निर्मित हो और बेरोजगार चिकित्सकों को यहां एक ओर स्थाई रोजगार की व्यवस्था की जाए वहंी दूसरी ओर आदिवासी समाज को सूदूर पूर्व में अर्थात उन स्थनों पर जहां आज सभ्यता की अगल जगाने वाले लोग पहुंचने से कतराते हैं, उन्हें भी सतर्त सेवा का लाभ मिलता रहे । चिकित्सकों ने भूरिया जी से निवेदन की है कि मध्यप्रदेश शासन क्रमांक एनएचएम / एचआर से भोपाल द्वारा दिनांक 29/09/2020 से प्राप्त पत्र में नियुक्ति जो एक माह केे लिए बढ़ाई गई है जो पूर्ण रूप से गलत है हम इसका पूरी तरह विरोध करते हैं और हम मांग करते है कि इस नियुक्ति का नियमितिकरण मध्यप्रदेश शासन के नियम अनुसार किया जाए ताकि जनसामान्य उनके स्वास्थ्य लाभ के प्रति सुनिश्चित हो एवं चिकित्सक भी अपनी आजीविका के बारे में सुनिश्चित होकर संपूर्ण मन से अपने सेवा भावी चिकित्सा कार्य में तलिन हो जाए।

चिकित्सकों एवं नर्सों ने भूरिया जी से यह भी मांग की है कि हम विगत छः माह से कोविड सेंटर में अपना घर-बार छोड़कर नियमित रूप कार्य पर है। हमें कोविड सेंटर के करीब आंबा पेलेश गार्डन में रहने की सुविधा प्रदान की गई किंतु अब जिला प्रशासन द्वारा हम सबको वहां से खाली कर कोविड सेंटर में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है चूकिं कोविड सेंटर में पहले से ही कई संक्रमित मरीज आ जा रहे है। ऐसे में वहां हमारी जान को खतरा उत्पन्न हो सकता है। कार्य अवधि तक हम आंबा पेलेश या अन्य किसी स्थान में रहने की सुविधा प्रदान की जाए जो संक्रमण से मुक्त हो एवं वहां पर आवश्यक सुविधा भी हमे मिलते रहे । श्री भूरिया ने सभी को आश्वस्त किया कि आप लोग कोरोना यौद्धा है आपकी मांगे सभी जायज है मैं इस संबंध में व्यक्तिग रूप से शासन प्रशासन से चर्चा कर आपकी ज्वलन्त समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करूंगा। 

डाॅ. चन्द्रशेखर नायक, डाॅ. भानु प्रतापसिंह राठौर, डाॅ. विजय हाड़ा,  डाॅ. एकता बैरागी, डाॅ. प्रकाश राठौर, डाॅ. जितेन्द्र मेवाड़ ,डाॅ काना सोलंकी,डाॅ रितेश त्रिवेद्वी,डाॅ आशुतोष नायक,डां महेश सत्तीया,डाॅ श्वेता नायक ,डाॅ मांगीलाल सेप्टा,डाॅ दिपकी मौर्य , डाॅ फातिमा पठान डाॅ ताहिर शेख डाॅ एकता बैरागी, डाॅ रिकू खतेडिया, सहित समस्त नर्स स्टाफ उपस्थित थे।

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