अग्री भारत समाचार से ब्यूरो चीफ मुल्ला शफकत दाऊदी की रिर्पोट ।
अलीराजपुर । जिला वैसे तो देश के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर जिले के तौर पर जाना जाता है क्योंकि यहाँ पूर्व से ही शिक्षा , स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों का अभाव रहा है. पिछली जनसंख्या गणना के अनुसार जिले में 87% जनजाति, 4% अनुसूचित जाति और 9% अन्य रहवासी माने गए है. पिछड़ा जिला होने के बावजूद भी जिस आदिवासी और अन्य परिवार ने उन्नति करना चाही उन्हें तमाम बाधाओं और विपरीत परिस्थितियाँ भी नहीं रोक पाई। उदाहरण स्वरुप यहाँ से आदिवासी परिवारों के अनेक व्यक्ति आज बड़े पदों पर कार्यरत है । इंदौर संभाग के वर्तमान कमिश्नर मालसिंह भयडिया भी ग्राम डाबड़ी, आलीराजपुर के निवासी है । आलीराजपुर शहर के दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिष्ठित किराना व्यवसायी शैख इब्राहिम मर्चेंट के पौत्र और प्रतिष्ठित किराना व्यापारी मुस्तन मर्चेंट के बेटे अलीअसगर ने जिले में एक नया इतिहास रचा है! ऐसे पिछड़े जिले से 21_वर्षीय अली असगर ने पायलट प्रशिक्षण प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है! आमतौर पर बोहरा समाज में शिक्षा को तो बहुत महत्त्व दिया गया है तथा पिछले कई वर्षों से शत प्रतिशत बच्चे साक्षर होकर उच्च शिक्षित हुवे है! यह समाज शिक्षित होने के उपरान्त भी व्यापार गतिविधियों को ही प्राथमिकता देता है, यदि किसी ने तकनीकी विशेज्ञता भी प्राप्त की हो तो वह सम्बंधित विषय में अपना बिजनेस ही प्रारम्भ करता है! शासकीय या अन्य मल्टी नॅशनल कंपनी में सेवा के लिए जाना कम पसंद करते है । मर्चेंट अलीअसगर इसका अपवाद है. इनके माता श्रीमती फातेमा और पिता मुस्तन की सोच थोड़ी अलग होकर समय के साथ चलने की है, अलीअसगर ने स्थानीय डान बास्को स्कूल से विद्यालयीन शिक्षा प्राप्त की, बाद में कारवर एविएशन बारामति, महाराष्ट्र से 18 माह का पायलट प्रशिक्षण प्राप्त किया!! उन्होंने 200 घंटों की उड़ान भरी. यह उड़ान उन्होंने कर्नाटक के गुलबर्गा और विजयपुर ,तथा महाराष्ट्र के अकलकोट, सोलापुर, लातूर , कराड और औरंगाबाद में भरकर वांछित 200 घंटों की उड़ान पूरी की जो कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए जरूरी होता है। इस लायसेंस का आवेदन भी उन्होंने डायरेक्टोरेट जनरल आफ़ सिविल एविएशन (DGCA)को कर दिया है. यह उड़ान अभ्यास उन्होंने 4 मार्च से 10 अगस्त 23 में पूर्ण किया। प्रख्यात फोटोग्राफर और लेखक अनिल तंवर ने अली के साक्षात्कार लेकर बताया कि आलीराजपुर जैसे पिछड़े आदिवासी बहुल जिले में अलीअसगर पहले व्यक्ति है जो पायलट बने है । ख़ास बात यह भी है कि वे दाऊदी बोहरा समाज के है, कैप्टन अलीअसगर अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने दादाजी शैख इब्राहिमभाई मर्चेंट, माताजी फातेमा मर्चेंट और पिता मुस्तन मर्चेंट को देते है। जिनके प्रोत्साहन से ही आज में इस मुकाम पर पहुंचा हूं। मर्चेंट परिवार को साथी मित्र अज़ीज़ बुटवाला, वरिष्ठ पत्रकार मु. शफकत दाऊदी, मुनीरा वजीही, रजिया खमोशी(DXB), प्रदीप क्षीरसागर, निशरिन रफीक,जितेंद्र तंवर, शिरीन वोहरा, रिज्जू पीठावाला (इंदौर), डॉ.अब्दुल्ला ख़ान, मेहदी रणालवी, शैख जौहर खमोशी(कुवैत) आदि ने मुबारकबादी देते हुवे बेटे अलीअसगर के उज्जवल भविष्य की कामना की हे।
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