अग्री भारत समाचार से राकेश लछेता की रिपोर्ट ।
झकनावदा । झाबुआ जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झकनावदा में रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से हाथी पावा की पहाड़ी पर राज्यपाल आनंदी बहन पटेल के द्वारा झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एक मिनी एंबुलेंस की हरी झंडी दिखाकर सौगात दी गई थी।
स्वास्थ्य विभाग आखिर क्यों कर रहा एंबुलेंस को एक तरफ खड़ी करके भंगार।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झकनावदा में करीब 40 गांव लगते हैं व उक्त अस्पताल कुछ ही महीनो बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील भी होने जा रहा हैं। आपको बता दें कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वर्ष 2018 में तत्कालीन कलेक्टर आशीष सक्सेना को मनीष कुमट द्वारा गांव की समस्या को अवगत करवाया था इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सक्सेना ने रेड क्रॉस सोसाइटी झाबुआ के माध्यम से झकनावदा को एक मिनी एंबुलेंस उपलब्ध करवाई थी। व उक्त एम्बुलेंस 28 जून वर्ष 2018 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के द्वारा हरी झंडी दिखाकर झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को लाने ले जाने हेतु उपलब्ध करवाई गई थी। लेकिन पिछले कई वर्षों से उक्त मिनी एंबुलेंस को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियो द्वारा ध्यान न देते हुए उसे भंगार अवस्था में अस्पताल के बाहर खड़ी कर चुके थे।
21 दिसंबर 2023 को समाचार प्रकाशन के बाद स्वास्थ्य विभाग आया था हलचल में।
झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर भंगार अवस्था में खड़ी एंबुलेंस को देखकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा समाचार प्रकाशन के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत करवाया गया था। इस पर जिला चिकित्सा अधिकारी बघेल ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए झकनावदा में बंद खड़ी एंबुलेंस को जल्द ही सुचारू रूप से शुरू करने का मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी बघेल ने आश्वासन दिया था। व पत्रकारों से चर्चा में बताया था कि उक्त मिनी एंबुलेंस को तत्काल प्रभाव से चालू करवा दी जाएगी। बाद स्थानीय चिकित्सा अधिकारी व जवाबदारों ने उक्त एंबुलेंस को आनंद फानन में भंगार अवस्था से हटाकर कर एंबुलेंस की साफ सफाई कर वाहन को पुरानी जगह से हटाकर अस्पताल परिसर के बाहर नई जगह खड़ी कर दिया गया। लेकिन उक्त एंबुलेंस आज तक चालू नहीं की गई व अभी भी समाचार प्रकाशन तक गाड़ी के चारो टायर पंचर अवस्था में ज्यों के त्यों खड़ी है। आखिर सरकार के खर्चे पर आई इस एंबुलेंस पर स्थानीय प्रशासन क्यों पलीता लगा रहा है? या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही नहीं चाहते कि मरीजों को उचित उपचार व्यवस्था मुहैया हो?
इनका कहना है
स्वास्थ्य विभाग जानबूझकर एंबुलेंस पर सुधार की सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीण इलाकों से आई महिलाओं एवं गंभीर मरीजो को अपने निजी खर्च से किराए पर वाहन करके पेटलावद या धार जिले के सरदारपुर उपचार करवाने के लिए जाना पड़ता है। हमारे द्वारा कई बार मरीजों को परेशान होते देखा जाता है। व गरीब वर्ग के लोगों के पास कभी कभी उपचार के लिए भी पैसा नहीं होता है व इस अवस्था में उन्हें किसी से उधार लेकर किराए से वाहन करके अपना उपचार करवाने जाना पड़ता है।
जागरूक नागरिक जगपाल सिंह राठौर झकनावदा।
में अभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हूं। एक सप्ताह का समय लगेगा में दिखवाती हूं। की क्यों मिनी एंबुलेंस बंद अवस्था में खड़ी है और शीघ्र एंबुलेंस वाहन सेवा शुरू करवाती हुं।
डॉ. ममता वास्केल,प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, झकनावदा।
Post a Comment