अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना के चलते क्षेत्र की जनता दहशत में रह रही थी कि कोरोना की लहर के पहले डेंगू की लहर ने क्षेत्र की जनता को भयभीत कर दिया और मोतो का सिलसिला शुरू हो गया । कोरोना में क्षेत्र में मौत का जो कहर ढाया व हर धर्म, समाज, वर्ग में अनगिनत मोते हुई उसे जनता भूला भी नही पाई थी कि अब डेंगू ने मौत के आंकड़े दिखाना शुरू कर दिया । थांदला के प्रतिष्ठित व्यवसाय महावीर घोड़ावत के होनहार 17 वर्षीय युवा पुत्र हितांस घोड़ावत ने मात्र 4 दिन में डेंगू की चपेट में रहते शुकवार को बड़ोदा गुजरात के निजी चिकित्सालय में जान गवा दी । इसके पूर्व भी नगर में डेंगू के कहर से पत्रकार सहादत खान के पुत्र की मोत हो चुकी थी । इन मोतो ने स्वास्थ्य विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी ।
मौसमी बीमारिया ओर डेंगू का कहर
बारिश का दौर शुरू होते ही नगरीय क्षेत्र के हर गली मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के हर गाव, फलियो में उल्टी, दस्त, बुखार, जुखाम, बदन दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, आमजन
इसे स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मौसमी बीमारी समझ स्थानीय स्तर पर झोलाछाप बंगाली चिकित्सको से इलाज करवाने मजबूर हो गया और नतीजतन डेंगू के मरीज बढ़ने लगे है । जब जाच दौरान पता चलता कि साधारण बुखार न होकर डेंगू है तब तक बीमारी बढ़ जाती है । आम गरीब व्यक्तियों की हैसियत ऐसी नही की वे दाहोद, बड़ोदा, इंदौर जैसे बड़े शहरों के बड़े निजी चिकित्सालयों में जाकर इलाज करवा सके ।
होनहार युवा हितांस घोड़ावत को चार दिन पूर्व बुखार आने पर परिजन थांदला चिकित्सालय ले गए थे जहां जाच दौरान डेंगू के लक्षण पाए गए व चिकित्सको द्वारा बाहर ले की सलाह पर गुजरात दाहोद के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती किया एक दिन वहां रहने पर तबियत ज्यादा बिगड़ने की स्थिति में बड़ोदा रेफर कर दिया गया । बड़ोदा के स्टर्लिंग चिकित्सालय में हितेश ने 24 घण्टे भी नही गुजारे व मोत कहर बनकर छा गई । हितेश घोड़ावत परिवार के सरल व्यवहार के चलते सारा नगर हितेषी रहा है इस मोत की खबर से नगर में शोक की लहर छा गई । इस निधन पर क्षेत्र के विधायक वीरसिंह भूरिया, पूर्व विधायक कलसिंह भाभर, सकल व्यापारी संघ व पत्रकारों ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की ।
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