अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्द की रिपोर्ट
धार । गोंड़वाना के महानायक गोंड़वाना समग्र क्रांति के जनक,गोंड़वाना बैंक के संस्थापक,गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष,गोंड़वाना टाइगर, पूर्व विधायक, गोंड़वाना क्रान्ति को देश-विदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी गोंड़वाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम का 79 वर्ष के आयु में दुखद निधन का खबर पाकर मन अत्यंत ही दुखी हुआ।
गोंड़वाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के सानिध्य में मुझे भी डोंगरगढ़़ ब्लाक के बागरेकसा एवं मक्काटोला में सभा संबोधन एवं मरकाम जी के करीब बैठने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मरकाम जी इतने बड़े ऊंचाई को प्राप्त करने के बाद भी सादगी, सरल, सहज, विनम्र स्वभाव को मूलरूप में बनाये रखा ये उनके महानता को प्रदर्शित करता है। शेर जैसे दहाड़ते हुए लोगों को मन्त्र मुग्ध कर लेना उनके वाणी का विशिष्ट पहचान थी। मरकाम जी के महानता के बारे में जितना भी कलम चलाया जाय अपूर्ण है।
गोंड़वाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के निधन से एक स्वर्णिम युग समाप्त हो गया तथा सम्पूर्ण गोंड़वाना को अपूर्णीय क्षति हुई है। दादा हीरा सिंह मरकाम के गोंड़वाना समग्र क्रांति आंदोलन को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है दादा के पदचिन्हों पर चलकर उनके सपनों को साकार करना है। फड़ापेन शक्ति से प्रार्थना है कि दादा हीरा सिंह मरकाम के जीव को अपने में समाहित कर शांति प्रदान करे एवं शोकाकुल मरकाम परिवार को दुख के इस घड़ी में दुख सहन करने की असीम शक्ति प्रदान करें। गोंड़वाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम को विनम्र पेनांजली एवं अंतिम सेवा जोहार करता हूँ।
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