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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्दा की रिपोर्ट

International Women's Day was celebrated as Motivational Women's Suffering Day.

धार । भारतीय साक्षरता प्रेरक मोर्चा मध्य प्रदेश के बैनर तले राज्य के 24000 निष्कासित प्रेरकों की सेवा बहाली के लिए 8 मार्च 2021 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदेश के 40 जिलों में प्रेरकों द्वारा महिला पीड़ा दिवस के रूप में मनाया गया प्रेरक संघ के तहसील अध्यक्ष भोजराज टनवे ने बताया की सन 2012 13 मे राज्य व केंद्र सरकार द्वारा निरक्षरता को दूर करने के लिए प्रत्येक गांव में दो साक्षरता कर्मियों को संविदा आधार पर नियुक्त किया गया था जिसमें एक महिला व एक पुरुष प्रेरक शामिल थे इस कार्य के लिए प्रेरकों को 2000 माह का मानदेय निर्धारित किया गया था लगभग 5 से 6 वर्ष तक प्रेरकों द्वारा सरकार ने सेवाएं ली साक्षरता के क्षेत्र के साथ-साथ पल्स पोलियो, मतदाता जागरूकता अभियान, बीएलओ कार्य, स्वच्छ भारत मिशन इत्यादि अनेक कार्य सरकार द्वारा प्रेरकों से करवाए गए प्रेरकों ने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ बहुत ही अल्प मानदेय में लोगों में साक्षरता का अलग जगाया प्रेरकों का मानना था कि हमारी नियुक्ति संविदा आधार पर है तो भविष्य हमारा उज्जवल होगा लेकिन जब प्रेरकों को सरकार द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया गया प्रेरकों की सेवा अवधि समाप्त कर दी गई तो प्रेरकों के सामने बेरोजगारी का एक संकट पैदा हो गया कोरोना काल में प्रेरकों के सामने एक विकट समस्या खड़ी हो गई प्रेरकों द्वारा सेवा से निकाले जाने पर कई बार धरने आंदोलन प्रदर्शन किए गए व सरकार से केवल आश्वासन ही मिला लेकिन आज दिनांक तक प्रेरकों की सेवा बहाली सरकार द्वारा नहीं की गई है सेवा बहाली को लेकर प्रेरकों ने एक बार फिर पुनः प्रयास करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी को प्रेरकों की याद दिलाई क्योंकि कमलनाथ जी ने तो अपने घोषणापत्र में सरकार बनने पर संविदा प्रेरकों की स्थाई नियुक्ति देने की घोषणा की थी वह घोषणा अधूरी ही रह गई अब प्रेरकों को प्रदेश की भाजपा सरकार पर भरोसा है मनावर प्रेरक संघ द्वारा 8 मार्च को महिला पीड़ा दिवस मनाते हुए मनावर के विधायक माननीय हीरालाल जी अलावा को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें प्रेरकों की सेवा बहाली की मांग से लेकर पंचायत स्तर की किसी भी नियुक्ति मैं प्रेरकों को प्राथमिकता देने की मांग की है जैसे बंद पड़े पुस्तकालय, बीएलओ का कार्य, अन्य गैर शैक्षणिक कार्य, नई शिक्षा नीति के तहत प्रेरकों की वापसी या अन्य किसी भी पद पर प्रेरकों की सेवा बहाली की जाए जिससे कि प्रदेश के 24000 बेरोजगार प्रेरकों को पुनः रोजगार प्राप्त हो सके।




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