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झाबुआ । परम् पूज्य शासन प्रभावक राष्ट्रसंत शिरोमणी आचार्य प्रवर श्रीमद् विजय हेमेन्द्र सूरीवरजी मसा के शिष्यरत्न एवं शासन प्रभावक गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्र सूरीवरजी मसा के आज्ञानुवर्ती मुनिराज चन्द्रया विजयजी मसा एवं मुनि श्री वैराग्यया विजयजी मसा का मंगल विहार 7 दिसंबर से आरंभ्ज्ञ होगा। इसी बीच दोनो मुनिद्वयों का आगामी दिनों में झाबुआ की धर्म धरा पर भी आगमन होना है।
जानकारी देते हुए श्वेतांबर जैन श्री संघ झाबुआ के सह-सचिव रिंकू रूनवाल ने बताया कि मुनिद्वय श्री चन्द्रया विजयजी एवं वैराग्यया विजयजी मसा का 7 दिसंबर से बालोतरा से विहार शुरू होगा। प्रतिदिन मुनिद्वय लंबा सफर का विहार करते हुए रास्ते में आने वाले अलग-अलग क्षेत्रों, शहरों और गांवों से होते हुए 2 जनवरी 2021 को कुलगढ से होते हुए कुलगढ़ से 18 किमी विहार करते हुए नागनवाट से जिले की सीमा थांदला पर आगमन होगा। यहां 3 जनवरी को थांदला में रात्रि विश्राम बाद अगले दिन 4 जनवरी को मेघनगर और 5 जनवरी को झाबुआ की पावन धरा पर आगमन होगा। यहां श्री संघ एवं समाजजनों द्वारा उनकी भव्य आगवानी की जाएगी तथा दोनो मुनिद्वयों की समाजजनों को निश्रा एवं सानिध्य भी प्राप्त होगा।
मोहनखेड़ा तीर्थ अंतिम पड़ाव
5 जनवरी को मुनिद्वय झाबुआ में रहने के बाद दोनो मुनिद्वय का 6 जनवरी को शबरी गौाला से माछलिया घाट होते हुए 7 जनवरी को राजगढ़ विहार कर पहुंचेंगे। 8 जनवरी को श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर दोनो मुनिद्वय द्वारा दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीवरजी मसा के र्दान लाभ लेने के साथ यहां ऋषभचन्द्र सूरीवरजी मसा से वार्तालाप की जाएगी। सभी श्री-संघों से जहां भी मुनिद्वय का मंगल प्रवेश हो वहां उनकी उत्साहपूर्वक आगवानी एवं समस्त व्यवस्थाओं हेतु विनती की गई है।
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