अग्रि भारत समाचार से अली असगर बोहरा मो.न.8962728652
झाबुआ । आजादी के बाद देश मे पहली बार किसी निर्वाचित सरकार ने किसान विरोधी कानून बना कर किसानों के आर्थिक तंत्र को गम्भीर चोट पहुंचाई है। इस सरकार ने अंग्रेजों के राज के दिनों का स्मरण करा दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता वह संभागीय कांग्रेस प्रवक्ता साबिर फिटवेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपने बयान में आरोप लगाया कि भाजपा का चुनाव जीतने का आधार मात्र सामाजिक विभाजन कर जीत हासिल करना रहा है इसमें वह सफल होती रही है।किंतु भाजपा का देश वासियों की आर्थिक समृद्दि से कोई नाता नही रहा है । सरकार बनने के बाद से भाजपा की सारी आर्थिक नीतियां असफल रही है ।काले धन को लाने का आश्वासन ,नोट बन्दी ,प्रति वर्ष 2 करोड़ लोगों को रोजगार ,जी एस टी ,किसानों को फसल की कीमत लागत से डेढ़ गुना उपलब्ध कराने जैसी सारी नीतियां असफल रही है । भाजपा ने देश व देशवासियों की समृद्दि के लिए कुछ भी नही किया।
भाजपा का कभी भी किसानों से कोई लगाव नही रहा इसे पूंजीपतियों व भगोड़ों की पार्टी ही माना जाता रहा क्योंकि भाजपा राजनीति को व्यापार की तरह ही करते रहे है ।अपने चंद व्यापारी मित्रो के लाभ हेतु भाजपा ने किसानों की खेती उनके अर्थ तंत्र को ही दांव पर लगा दिया।
आज देश मे किसान सरकार के खिलाफ अपनी खेती अपने अर्थतंत्र को बचाने हेतु बड़ी लड़ाई लड़ रहे है जो आजादी के आंदोलन की याद दिलाता है । किसान ईश्वर के समान ही है हमारे अन्नदाता है ।हर वर्ग का दायित्व है कि इस लड़ाई में किसान भाइयों का साथ दे उनके आंदोलन का समर्थन करें , किसान विरोधी तीनो कानून जिन्हें भाजपा ने कोरोना काल मे पास करा लिया आज सरकार के गले की हड्डी बन गए है । किसानों के लाभ का कोई भी फैसला या कानून किसानों की भागीदारी के बगैर व्यर्थ है ।और यही हो रहा है भाजपा हमेशा सम्प्रदाय विभाजन छद्म राष्ट्रवाद पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर चुनाव जीतती रही है इसलिये मजदूरों व किसानों के हितों की उसे कभी चिंता नही रही । व्यापार के सरंक्षण के सहारे भा जपा अपने लिए अकूत राजनीतिक अर्थ संसाधन जुटाती रही है 6-7 वर्ष के सत्ता काल मे भाजपा का अर्थ प्रबंधन चुनाव प्रचार पर खर्च कार्यालय भवनों में निवेश आश्चर्यजनक है ।भाजपा अपने चुनावी मैनेजमेंट से जीत हासिल करने के दम्भ में किसान आंदोलन को कुचलने पर आमादा है ।कांग्रेस के नेता श्री राहुल गांधी आरम्भ से तीनों किसान विरोधी विधेयकों का डट कर विरोध कर रहे है।
विधायक भूरिया ने कहा 8 दिसम्बर को किसानो की तीनों विधेयकों को वापस लेने की मांग को ले कर भारत बंद का आह्वान किया गया है ।कांग्रेस हमेशा से किसान समर्थक रही है कृषि व कृषि अर्थव्यवस्था को कांग्रेस ने हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी है ।कांग्रेसजन भारत बंद का पूर्ण समर्थन करते है।
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