अग्रि भारत समाचार संवाददाता राहुल डोड की रिपोर्ट
देपालपुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के साथ हुआ चलावे की खबर पड़ताल में आखिर देपालपुर तहसील के 29 हल्कों में किसान बीमा के लाभ से विसंगति के चलते वंचित रह गए थे मीडिया में इसको प्रमुखता से खबर उठाने के बाद प्रदेश के होने वाले उपचुनावों को देखते हुए शिवराज सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2019 के फसल कटाई प्रयोगों के आकड़ों में विसंगति निराकरण हेतु भोपाल के विंध्याचल भवन में 22 सितंबर 2020 को बैठक आयोजित कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2019 के 52 हल्कों में आपति की गयी जिसके निराकरण हेतु इफको टोकियो बीमा कंपनी प्रतिनिधि राहुल गुप्ता, इंदौर भू -अभिलेख सहायक अधीक्षक महेन्द्र गौड़, इंदौर कृषि उपसंचालक रामेश्वर पटेल, राजस्व निरीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा, इंदौर कृषि विकास अधिकारी डीके तिवारी ने बैठक में 52 हल्को का अवलोकन किया गया । जिनमें निम्न स्थिति पायी गयी हैं। जैसे :- फसल बीमा कंपनी के पत्रक में गट्ठों का वजन किया गया एवं उसी दिन सुखवन अनुमान के आधार पर दर्ज किया गया। कटाई के दिन ही गट्ठों का वनज लिखा गया एवं उसी दिनांक को सोयाबीन फसल के सूखे दानों का वजन दर्ज किया गया। बीमा कंपनी के पत्रक पर को - विटनेस ( गवाह ) फार्म पर प्रमाणित सील नही पाई गई। अधीक्षक भू - अभिलेख शाखा इंदौर द्वारा फसल कटाई हेतु जो पत्रक उपलब्ध कराये गये वे शासकीय अमले द्वारा सही भरे गये पत्रक -1 एवं पत्रक -2 में फसल कटाई एवं सुखवन की तारीख अलग - अलग दर्ज है । लगभग 6 से 7 दिन का अंतर है जो सही है। फसल बीमा कंपनी द्वारा भरे गये पत्रक में को विटनेस की पद मुद्रा नहीं होने तथा फसल कटाई में गट्ठों का वजन तथा सुखवन की दिनांक एक ही होने से वजन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं बनता है अतः समिति द्वारा अंतिम रूप से निर्णय लिया कि , अधीक्षक भू - अभिलेख जिला इंदौर के द्वारा प्रारूप -2 प्राप्त हुआ है , जिसे मान्य करते हुये तदानुसार संबंधित पटवारी हल्को में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2019 की फसल कटाई प्रयोगों के आकड़ों अनुसार दाया राशि का भुगतान पात्र कृषकों किया जायें।
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