अग्री भारत समाचार के लिए ब्यूरो चीफ़ मु. शफ़क़त दाऊदी की रिपोर्ट्।
आलीराजपुर । जिला मुख्यालय आलीराजपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वयंसेवक संघशताब्दी कार्य वर्ष मना रहे है। विजयादशमी उत्सव के निमित्त पथसंचलन रविवार को नगर में निकाला गया। पथ संचलन का नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर अनेक स्थानों पर स्वागत किया। पथ संचलन आलीराजपुर के फतेह क्लब मैदान से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए पुनः उसी स्थान पर पहुंचा। इसके पूर्व बौद्धिक कार्यक्रम में मंच पर मुख्य अतिथि जितेन्द्र कोठारी समाजसेवी, विशेष अतिथि श चंदरसिंह चौहान (भगत जी),जिला संघचालक नानसिंह धाकड़, खंड संघचालक भुवान भँवर व मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त जनजाति कार्य प्रमुख कैलाश अमलियार मंचासीन रहे |
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि जितेंद्र कोठारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमने भारत में हिंदू धर्म में जन्म लिया और इससे भी ज्यादा भाग्य की बात यह है कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि हम आज शताब्दी वर्ष के संचलन में हिस्सा ले रहे हैं हमें कई बार जातियों में बांटने का षड्यंत्र रचा गया किंतु सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही एक ऐसा संगठन है जो की समस्त हिंदू समाज को संगठित करने का कार्य करता आ रहा है| और यह अवसर हमें हमारे पुरोधा रहे स्वयंसेवको के परिश्रम से मिला है। मुख्य वक्ता कैलाश अमलियार ने सर्वप्रथम हल्दीघाटी के वीर योद्धा राणा पुंजा भील के जन्म दिवस पर उनका स्मरण कर साथ मे डॉ. हेडगेवारजी और गुरुजी को याद करते हुए अपना बौद्धिक प्रारंभ किया उन्होंने बताया कि हमारा देश पिछले कई वर्षों से संघर्षरत रहा है इस संघर्ष में हमारे देश के कई वीर सपूतों ने बाहर से आए आक्रांताओं से निपटने के लिए उनकी शक्ति को भापकर उन्हें परास्त करने का काम किया है|डॉक्टर साहब ने जो बीज आज से 100 वर्ष पूर्व लगाया था वह आज दुनिया के 53 देश में एक वट वृक्ष की तरह खड़ा है | देश में लोकतंत्र की स्थापना मे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका रही|
एक समय ऐसा था जब हिंदुत्व के भाव मे कमी आई और हम पर विदेशी आक्रांताओं ने राज किया। जब 1921में डॉ हेडगेवारजी को जेल हुई तब उन्होंने चिंतन किया और पाया कि हमारे समाज में ही विकृत्ति आ गई हैं और उसे दूर करने और हिन्दू समाज को संगठित करने हेतु 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। तब लोगों ने उनका उपहास भी किया।लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी निरन्तर संघ कार्य करते हुए समाज जागरण का कार्य किया।नतीजा यह हुआ कि संघ की एक घंटे की शाखा से व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का कार्य बढ़ता गया।
उन्होंने संघ की सौ वर्षों की यात्रा के बारे में बताते हुए कहा 1925 से 1940 तक सारे आन्दोलन इस कालखंड में अपने चरम पर थे। ऐसे समय में डॉ केशव बलीराम हेडगेवारजी ने संत-महन्त व समाज को संगठित करना तथा प्राप्त स्वतंत्रता को स्थायित्व देना। इस हेतु क्रांतिकारी व राष्ट्रवादियों के सतत् संपर्क में रहे ओर संघ को 1925 में अपने घर से संघ की स्थापना कर 17 बालको के सह घोष से संघ प्रारंभ किया।
सन 1928 में संघ का नामकरण हुआ| विजयादशमी ही संघ स्थापना का एक पवित्र कालखंड है। इसलिए स्वयंसेवक विजयादशमी उत्सव मनाते आ रहे हैं। डॉ साहब के बाद गुरुजी संघचालक बने।अँग्रेजो द्वारा भी संघ पर प्रतिबंध लगाया था।1942 में अंग्रेजो भारत छोडो अंदोलन, 1947 विभाजन में संघ सेवा भाव व विस्थापीत बंधुओ को व्यवस्था देने में व्यस्थ रहा। संघ पर 4 फरवरी 1948 से प्रतिबंध लगा था,पश्चात सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस प्रतिबंध को हटाया, 1975-77 दो वर्ष का आपातकाल रहा इसमें स्वयंसेवको पर अत्याचार हुआ। 1948- राजा जयसींग से आग्रह पर कश्मीर विलय भी संघ सहयोग से हुआ।1980 से 2005 के बीच बालासाहब जी देवरस पु. संघचालक बने 1986 रामजन्म भूमी न्यास की स्थापना हुई। श्रीराम जन्मभूमि के लिए 30 अक्टूबर 1990 को कार सेवा प्रारंभ हुई ।1992 में विवादित ढांचा कारसेवा कर के गिरने में भी संघ की योजना अग्रणीय रही। पुनः10 दिसंबर 1992 को संघ पर प्रतिबंध लगाया गया। 10 मार्च 2000 सुदर्शनजी संघचालक बने इस दौरान 25 जनवरी 2003 में भुज में भुकंप आपदा में सेवा कार्य किया । 2006 गुरु जी शताब्दी वर्ष की योजना को परिणिति दी। 2007 राम सेतु आंदोलन में भी संघ के कार्यकर्ता सहभागी हुए। वर्तमान कालखंड संघ में 50हजार प्रकल्प चलाए जा रहे है । 2021 करोना महामारी में, रक्तदान व भोजन व्यवस्था का कार्य योजनाशः किया गया।श्री राम जन्मभूमि निधी समर्पण अभियान को लक्ष्य से दुगना परिणाम में परनीत किया। हमारे पास के जिले झाबुआ में कुछ वर्षों पूर्व हिंदू संगम आयोजित किया गया था जिस संगम पर पूरे राष्ट्र की निगाहें थी इस संगम में दूर-दूर से तीन दिनों तक पैदल चलकर मातृशक्ति, युवा, बुजुर्ग गर्व से कहो हम हिन्दू है हिंदुस्तान हमारा है कि जय घोष के साथ एक स्थान पर एकत्रित हुए |
उन्होंने कई उदाहरण देकर बताया कि जब-जब भी समाज पर कोई बड़ा संकट आता है तो स्वयंसेवक समाज की रक्षा के लिए हमेशा पूर्ण विश्वास और शक्ति के साथ खड़ा रहता है|
संघ की आगामी कार्य योजना पंच परिवर्तन ।
संघ की आगामी कार्य योजना को विस्तार से बताते हुए कैलाशजी ने कहा कि अपने देश को सम्पन्न बनाने के लिए हमे प्रथम स्व के भाव का जागरण करना,दूसरा नागरिक शिष्टाचार का पालन करना, तीसरा कुटुंब व्यवस्था को सम्भालकर रखना और परिवार में मंगल सभा करना। चौथा सामाजिक समरसता का पालन करना और पाँचवा पर्यावरण संरक्षण इन पाँच बिंदुओं पर कार्य कर हमें अपने राष्ट्र को सम्पन्न बनाना है।
बौद्धिक पश्चात सभी स्वयंसेवक वाहिनिशः घोष की धुन पर कदमताल करते हुए नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए पुनः फतेह क्लब मैदान पर पहुचे। नगर के प्रमुख मार्गों पर मातृशक्ति व समाज बंधुओं ने संचलन में सम्मिलित स्वयंसेवको का पुष्पवर्षा व जय घोष के साथ अभिनंदन किया। कार्यक्रम में योगासन एकल गीत अमृत वचन व प्रार्थना हुई साथ ही कार्यक्रम में सुंदर रंगोली भी आकर्षण का केंद्र रही। अंत मे आभार नगर कार्यवाह श्रवण गुप्ता ने माना|
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