अग्री भारत सामाचार से गोपाल तेलंगे की रिपोर्ट।
निसरपुर । नर्मदा घाटी विकास विभाग की तहत पुनर्वास स्थलों पर लापरवाही का आलम बदस्तूर जारी है अपना सब कुछ नर्मदा मे डुबोकर सरकार व नर्मदा घाटी विकास विभाग के भरोसे विस्थापित होने वाले कई परिवार आज भी पुनर्वास स्थलों पर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है सरकार एक ओर नारी शक्ति एवं महिला शसक्तीकरण की बाते कर रही है लेकिन इन पुनर्वास स्थलों पर निवासरत कई परिवारों में शामिल मातृशक्तिया जर्जर हो चुके शौचालयों में शोच के लिए विवश है जिससे सरकार एवं घाटी के जिम्मेदारों की महिलाओं के प्रति जवाबदेही पता चलती है इन पुनर्वास स्थलों पर निर्मित घटिया शौचालय जर्जर हो चले है वहीं स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई है विभाग के आला अफसर इन विस्थापितों की समस्याओ का निराकरण नहीं कर पा रहे है वहीं क्षेत्र के वो जनप्रतिनिधि भी जो डूब के समय हर समय लोगो की समस्याओं के समाधान की बड़ी बड़ी बाते करते थे नदारत है न विधायक, न सांसद और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि पुनर्वास स्थलों की सुध ले रहे है क्षेत्र का प्रशासनिक अमला भी समस्याओं से बेखबर है! मामले में जिला कलेक्टर प्रियांक मिश्र ने इस प्रतिनिधि से बात करते हुए घाटी में खस्ताहाल हालात की और जानकारी भेजने एवं उस पर जांच करवाने की बात कही है जिससे अब घाटी के जिम्मेदारों की नींद खुलेगी ।
खराब हालत में है स्ट्रीट लाइट और शौचालय।
विस्थापितों के लिए सबसे बड़ी समस्या पुनर्वास क्षेत्रों में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट और पहले से ही घटिया निर्माण की भेट चढ़े हुए शौचालय है इन पुनर्वास केंद्रों पर खस्ताहाल हालात में रह रहे परिवार की महिला सदस्यों के लिए जजर्र और बगैर दरवाजों वाले शौचालय में शौच करना मजबूरी बनी हुई है मुख्य बसाहट से दूर बसे इन पुनर्वास स्थलों पर स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई है जिससे विस्थापितों के लिए हालत विकराल हो चले है ऐसे में सवाल ये उठता है कि पुनर्वास स्थलों पर अमानवीय व्यवस्थाओं के लिए दोषी आखिर नर्मदा घाटी विकास विभाग जिम्मेदारों को कब उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
कलेक्टर लेंगे संज्ञान।
समस्या के संबंध में आप मुझे जो भी जानकारी,फोटोज है मुझे भेज दीजिए मैं जांच करवाता हूं"
प्रियांक मिश्र,कलेक्टर,धार
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