अग्री भारत सामाचार से गोपाल तेलगे की रिपोर्ट।
निसरपुर । नर्मदा घाटी विकास विभाग के नाक तले पुनर्वास स्थलों एवं क्षेत्र में तथा और स्थानों पर हुए घटिया निर्माणों की अग्री भारत समाचार में सिलसिलेवार खबरों के चलते विभाग के एस डी ओ रामवरण सिंह खिन्नाए हुए है सोमवार को अग्री भारत समाचार के इस प्रतिनिधि गोपाल तेलंगे ने आर वी सिंह से पुनर्वास स्थलों पर विस्थापितों के लिए रखी सिंटेक्स की हजारों लीटर की पेयजल टंकियों के संदर्भ में जानकारी के लिए सवाल किया तो सिंह ने इस प्रतिनिधि को विभाग से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने की बात कहकर फोन काट दिया ।
पुनर्वास स्थलों से गायब है पानी की टंकिया।
निसरपुर पुनर्वास स्थलों पर विस्थापितों के लिए पेयजल की व्यवस्था हेतु शासन ने हजारों लीटर की कई नई सिंटेक्स की टंकिया रखवाई थी लेकिन विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते आज पुनर्वास स्थलों से वो टंकिया गायब है नियमानुसार टंकियों का उपयोग खत्म होने के उपरांत विभाग को सारी टंकिया अपने अधीन करनी थी लेकिन नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोते रहे और पुनर्वास स्थलों से बड़ी बड़ी पानी की टंकिया नदारत हो गई! जिससे कई ऐसे स्थानों पर जहां आज भी विस्थापित जीवन व्यापम कर रहे है उनके लिए पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है ।
बिना संरक्षण के इतने सालों से रहना संभव नहीं।
2017 में जब निसरपुर डूबा था तब जो अधिकारी विभाग में पदस्थ थे वही आज भी है पुनर्वास स्थलों पर विस्थापितों के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग के तहत हुए कार्यों में जिस तरह से लापरवाही हुई है उसके बाद भी कुछ अधिकारी आज भी विभाग में बने हुए है ये बात समझ से परे है कि आखिर किसके संरक्षण में ये अधिकारी पद पर बने हुए है बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के इतने सालों तक एक ही जगह पर बने रहना सम्भव नहीं है आम लोगों की सुविधाओं पर सरकार करोड़ों रुपया भेज रही है ताकि लोगों को जीवन जीने की मूलभूत सुविधाएं अच्छे से मिले लेकिन घाटी के अधिकारियों की बेपरवाही सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रही है ।
यह बोले जिम्मेदार
आपको जो भी जानकारी चाहिए ऑफिस से सूचना के अधिकार से ले लीजिए ।
रामवरण सिंह, एस डी ओ,नर्मदा घाटी विकास विभाग,कुक्षी
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