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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्री भारत सामाचार से संजय वर्मा की रिपोर्ट।

इंदौर । वर्तमान समय में बढ़ते सायबर अपराधों एव ऑनलाईन ठगी की रोकथाम एवं पुलिस व बैंक द्वारा बेहतर आपसी तालमेल व समन्वय के साथ नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए कार्य करके, इन अपराधों पर नियत्रंण पाया जा सके इसी को ध्यान में रखते हुए, सभी बैंको के सहयोग से क्राईम ब्रांच के अधिकारियों के लिये एक कार्यशाला आयोजन शनिवार को पुलिस उपायुक्त कार्यालय क्राइम ब्रांच इंदौर, रानी सराय रीगल स्केवयर पर किया गया। जिसमें पुलिस उपायुक्त (क्राईम) राजेश कुमार त्रिपाठी की विशेष उपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच)   राजेश दंडोतिया, एसीपी  राकेश गुगरेला व उनि कमल माहेश्वरी सहित शहर के विभिन्न प्रमुख बैंको के नोडल अधिकारीगण एवं क्राईम ब्रांच इन्दौर की टेक्निकल टीम के पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे। 

उक्त कार्यशाला में वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते ऑनलाईन ट्रान्जेक्शन के कारण, सायबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली ऑनलाईन ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों की रोकथाम एवं इनसे बचने के लिये ध्यान में रखने वाली आवश्यक बातों पर चर्चा की गयी । जिसमे पुलिस डीसीपी क्राईम राजेश त्रिपाठी ने कहा कि उपरोक्त कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उदेश्य ऑनलाईन फ्रॉड से संबंधित शिकायतों में ठगी का शिकार हुये पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए बैंक तथा पुलिस बेहतर तालमेल के साथ कार्यवाही हेतु है।  पुलिस व बैंक बेहतर आपसी समन्वय व तालमेल के साथ काम करके, इन अपराधों पर बेहतर तरीके से नियंत्रण पाया जा सकता है, उन्होने इस संबंध में चर्चा के दौरान निम्नलिखित बातों को ध्यान रखने पर जोर दिया । साइबर फ्रॉड हेतु उपयोग किये जाने वाले फर्जी बैंक एकाउंट पर रोक लगाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के लिए बैंकों को निर्देशित करते हुए, बताया कि फर्जी एकाउंट को खुलवाने में यदि बैंक के किसी अधिकारी/कर्मचारियों की संलिप्तता पाई जाएगी तो उसके विरुद्ध भी उचित वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। अतः इस पर बैंकों द्वारा विशेष ध्यान दिया जावे। बैंको की वेबसाईटों को समय-समय पर अपडेट करतें रहे, व इस पर बैंकिग फ्रॉड से बचने के लिए रखी जानें वाली सावधानियों को भी आम जनता के लिये अपलोड करें।ठगी से पीड़ित लोगों की फ्रीज़ राशि को कोर्ट के माध्यम से फरियादियों को वापस करने की कार्यवाही में बैंकों द्वारा त्वरित सहयोग प्रदाय नही किया जा रहा है, अतः इस कार्यप्रणाली में भी सुधार लाया जाए। विभिन्न ई वॉलेट के माध्यम से किये जाने वाले ट्रांजेक्शन पर होने वाली ठगी से बचने के लिये, बैंकों द्वारा पूरी सावधानी बरती जावें। बैंको की लिंक आदि भेजकर यूपीआई के माध्यम से की जाने वाली ठगी को रोकनें के लिए, इस प्रकार की वेबसाईटो की पहचान कर उन पर कार्यवाही की जावें एवं इस पर बैंको द्वारा अपनी वेबसाईट्‌स के सुरक्षा फीचर जोड़े जावें। आयोजित बैठक में सभी प्रमुख बैंकों के नोडल अधिकारी उपस्थित हुये जिन्होंनें पुलिसकर्मियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संवाद के माध्यम से बैंक से संबंधित आने वाली तकनीकी समस्याओं को जाना तथा शीघ्र निराकरण का आशवासन दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों के द्वारा सायबर फ्रॉड को रोकनें के लिए बैंको के नोडल अधिकारियों से सायबर अपराधों पर चर्चा कर  फीडबेक  लिये गये, जिससें भविष्य मे होने वाले सायबर अपराधों को रोकनें मे सफलता प्राप्त की जा सकें।

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