अग्री भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला। धर्म नगरी थांदला की पहचान यहाँ जन्म लेने वालें सन्तों के जग उद्धार के लिए किये गए कार्यों से है। यहाँ के जैन धर्म अनुयायियों की पहचान भी यहाँ की धरती पर जन्म लेने वालें जिन शासन गौरव आध्यात्म योगी श्रमण श्रेष्ठ पूज्यवर श्री उमेशमुनिजी म.सा. "अणु" भक्तों के रूप में प्रसिद्ध है। ऐसे गुरु परमात्मा के गुणों स्मरण करने के लिए पूज्य श्री धर्मदास गण परिषद एवं पूज्य श्री धर्मदास गण प्रमुख प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. के निर्देशन में सकल संघों में तीन दिवसीय अणु स्मृति दिवस का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत थांदला में उनके आज्ञानुवर्ती गुरुभ्राता विराजित संत अणुवत्स पूज्य श्री संयतमुनिजी म.सा., पूज्य श्री आदित्यमुनिजी म.सा., पूज्य श्री अमृतमुनिजी म.सा. एवं पूज्य श्री अचलमुनिजी म.सा. तथा साध्वीवृन्द पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा., पूज्या श्री दिव्यशीलाजी म.सा., पूज्या श्री प्रियशीलाजी म.सा. एवं पूज्या श्री दीप्तिजी म.सा. के पावन सानिध्य में अणु स्मृति दिवस मनाया। इस दौरान गुरुभगवंतों ने अणु गुरु के उपकारों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उनके अलौकिक ज्ञान एवं कठोर साधना के अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किये। धर्म सभासदों ने भी गुरुभगवंतों के असीम उपकारों को याद कर उनके गुणानुमोदन के साथ भक्तिरस में सरोबार होकर एक शाम अणु के नाम के द्वारा उनके स्तवन गीत गाये। अणु स्मृति दिवस का पहला दिन 36 वंदना, दूसरा दिन गुणानुवाद सभा व तीसरा दिन 5-5 सामायिक के रूप में मनाया गया। थांदला में अणुवत्स ने जब गुरुदेव की पुण्यभूमि का जिक्र करते हुए उनके उपकारों व कृपादृष्टि का वर्णन करते हुए यहाँ चल रही तप व ज्ञान आराधना का जिक्र करते हुए दया की रिक्तता का आभास कराया गया तब थांदला की 28 श्राविकाओं ने गुरुवाणी को आत्मसात कर आज जीवदया व्रत के प्रत्याख्यान ग्रहण किये सभी दयाव्रत आराधकों का श्रीमती सुभद्रा रमेशचंद्र श्रीश्रीमाल परिवार द्वारा बहुमान किया गया। उक्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर, मण्डल अध्यक्ष रवि लोढ़ा सचिव सन्दीप शाहजी ने दी। संघ अध्यक्ष भरत भंसाली व सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि अणु स्मृति दिवस पर तीन दिवसीय तप आराधना के अन्तर्गत 130 आराधकों ने एकासन तप किया जिसका सम्पूर्ण लाभ श्रीमती पानकुँवर कांतिलाल छाजेड़ परिवार ने लिया। समस्त आरधक तपस्वियों की भोजन व्यवस्था महावीर भवन पर की गई। अणु स्मृति दिवस पर आयोजित गुरुभगवंतों के जाप, सामायिक व संवर करने वालें आराधकों का भी अन्य लाभार्थियों द्वारा बहुमान कर प्रभावना दी गई। थांदला नगर में तपस्याओं का दौर जारी है। तप की जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर, हितेश शाहजी ने बताया कि चातुर्मास शुरू होने के पूर्व से ही 72 आराधक 13 माह की वर्षीतप की उग्र आराधना कर रहे है वही इस चातुर्मास में विगत दो माह में 12 मासक्षमण, 65 सिद्धितप, व करीब 50 अट्ठाइया व उससे ऊपर की तपस्या पूर्ण हो चुकी है वही श्री कमलेश बाबूलाल छाजेड़, निकुंज रंजन गादिया व प्रिया दीपेश शाहजी के रूप में तीन मासक्षमण गतिमान होकर सभी ने 28 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किये। इसके साथ ही पुखराज बहन व्होरा व श्रेया बहन कांकरिया 112 दिन की श्रेणी तप व श्रीमती किरण छाजेड़ व श्रीमती पुष्पा पगारिया के 100 दिन की लघु सर्वतोभद्र की उग्र तपस्या जारी है। पूर्व मासक्षमण आराधिका 17 वर्षीय नव्या मनीष शाहजी ने भी अपना सिद्धितप गुप्त रूप से पूर्ण कर सबको चोंका दिया। गुरुभगवंतों से जब उनकी तपस्या की अनुमोदना की गई तब थांदला श्रीसंघ ने भी परम्परा का निर्वहन करते हुए तपस्वी नव्या का बहुमान तपस्या की बोली लगाकर किया। धर्म सभा का संचालन संघ मंत्री प्रदीप गादिया ने किया।गुरुभक्ति के तीन दिवसीय आराधना में सामूहिक एकासन के साथ हुई दया ।
Ezzy Web Portal
0
Comments
Post a Comment