अग्रि भारत समाचार से गोपाल तेलंगे की रिपोर्ट
निसरपुर । क्षेत्र की जीवन दायनी कही जानी वाली नर्मदा का सीना इन दिनों रेत माफिया छलनी करने में लगे है। नर्मदा नदी के साथ-साथ उसकी सहायक उरी बागिनी नदियों में रोजाना रेत का अवैध तरीके से खनन का खेल लगातार जारी है। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है. कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है. जानकारी के मुताबिक रेत के इस अवैध कारोबार में क्षेत्र के अलावा आस-पास के लोगो के द्वार उत्खनन किया जा रहा है जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर शासन प्रशासन से मदद मांग भी ले तो उन्हें किसी का सहारा नहीं मिलता. इससे ग्रामीण भी काफी डरे हुए महसूस कर रहे है।
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