अग्री भारत समाचार से ब्यूरो चीफ मु. शफकत दाऊदी की रिर्पोट ।
अलीराजपुर । जिले के सबसे बड़े ग्राम नानपुर में भागवत कथा के पांचवे दिन मां कालिका मंदिर प्रांगण पर रूक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण और रुक्मणी की वरमाला के समय सब भक्तो ने पुष्पों की बरसात की। कथावाचक पंडित शिव गुरु शर्मा(उन्हेल वाले)ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं, उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे,उन्होंने महारास लीला,श्री कृष्ण मथुरा गमन, कंस वध और श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह प्रसंग पर विस्तृत विवरण दिया। श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर व्याख्यान करते हुए कहा कि रूक्मणी के भाई रुकमि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था, लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे, उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है और द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्य मार्गी है, इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपनाएगी। कथा के पांचवे दिन कथा स्थल पर क्षेत्र के विधायक मुकेश पटेल अपने इष्ट मित्रों के साथ पधारे, समिति के सभी सदस्यों ने उनका स्वागत किया।विधायक जी ने भी मां कालिका मंदिर में पूजन कर,व्यास पीठ व कथावक्ता गुरुजी का पूजन,आरती कर,कथा श्रवण की।
इसी के साथ जोबट, आलीराजपुर, आबुआ, बड़वानी आदि जगहों से भी अतिथि पधारे,सब अतिथियों का स्वागत व्यास मंच से किया गया। रुक्मणि- कृष्ण बनने का परम सौभाग्य यजमान परिवार के कन्हैया राय और उनकी धर्मपत्नी इंदु राय को प्राप्त हुआ और उनकी झांकी भी सब श्रोताओं को लुभा रही थी। श्रीकृष्ण भगवान की बारात श्रीराम मंदिर से निकाली गई और बाराती के रूप में सभी श्रोताओं ने खूब नृत्य भी किया। समिति के सदस्य मुकेश गेंदालाल ने बताया कि पांचवे दिन माहेश्वरी समाज व माली समाज के सभी बंधुओ ने सपरिवार पधार कथा समाप्ति पर आरती कर सभी भक्तो को अपने हाथो से प्रसादी वितरित की। समिति के सदस्य श्री राकेश राठौड़ व श्री मनीष माली ने संचालन करते हुए सभी दान दाताओं के नामों की घोषणा की ओर सबका आभार माना।
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