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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट

थांदला। सनातन धर्म के नाम पर और हिंदुत्व के नाम पर सत्ता पाने वाली भारतीय जनता पार्टी जब  धर्म के नाम पर राकनीति करने लग जाती है तो जन मानस के मन में नेताओं की छवि किसी दानव से कम नही लगती। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने जैनियों के पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखरजी को इको सेंसिटिव झोन घोषित किया था। उसके बाद से ही झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुसंशा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया। जैन धर्म की आस्था के आयाम तीर्थंकरों के मोक्ष कल्याणक की साक्षी पवित्र भूमि सम्मेद शिखरजी (मधुवन) का इतिहास जैन दर्शन व अन्य दर्शनों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है बावजूद इसके केंद्र सरकार इस तरह का कदम उठाएगी यह हैरत में डालने वाला है। जब अयोध्या मामलें में भाजपा ने श्रीराम जन्म भूमि का मामला उठाया था तब हर जैन भाजपा के साथ खड़ा था व अयोध्या में पवित्र राम मंदिर निर्माण का सपना देखने लगा था जिसके लिए उसने तन-मन-धन से सहयोग भी किया। लेकिन शिखरजी जिसे इतिहास भी जैनियों की पवित्र तीर्थ स्थली मानता है उसे मांसाहारी बनाने व पर्यटन स्थल बनाने की तुक समझ से परे है। 

सकल विश्व में भारत ही एक साम्प्रदायिक सहिष्णु राष्ट्र के रूप में जाना जाता है यहाँ जैन अल्प संख्यक जरूर है जिसे उस देश की सरकार को संरक्षण देने नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है लेकिन कभी जैनियों ने अपने आप को अल्प संख्यक नही माना व नही कभी अपने लिए आरक्षण की मांग की। यही नही देश की अर्थव्यवस्था का 24 फीसदी हिस्सा भी जैन समाज दे रहा है बावजूद इसके उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाना समझ से परे है। आज जब एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असुद्दीन ओवैसी एक मुस्लिम होकर भी जैन धर्म और उनकी भावनाओं का समर्थन कर रहे है, वही हिंदुत्व के नाम को भुनाने वाली केंद्र व राज्य सरकार इसके लिए निर्णय नही ले पा रही है यह समझ से परे है। आज पूरे देश के जैन धर्मावलंबियों को मानसिक पीड़ा हुई है जिसके चलते भाजपा से मोह भंग भी हुआ है वही   राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की तरफ आस लगाए देख रहा है कि वह एक ऐसा निर्णय ले जो देश हित में हो। क्योंकि सभी जानते है कि नशा व मांसाहार हिंसक प्रवृत्ति किसी का भला नही कर सकती यहाँ तक कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी अपने पूरे जीवन काल में अपने आचरण से अहिंसा का ही उपदेश दिया ऐसे में राष्ट्रापिता के देश में अहिंसक समाज को आज सड़क पर उतरना पड़ रहा है यह निराशाजनक है। इसलिए बेहतर होगा कि जैनियों का अहिंसक व शांति प्रिय आंदोलन और उग्रता को प्राप्त करें उससे पहले केंद्र व राज्य सरकार को जनहित व जैनहित में फ़ैलसा लेते हुए उसे तीर्थ स्थल घोषित कर मदिरा मांस हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर देना चाहिए जिससे यहाँ न केवल जैन सुरक्षित रहेगा अपितु राष्ट्र भी सुरक्षित रहेगा।

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