अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । प्रदेश मे शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार लाख कानून बना ले, मगर निजी स्कूलों की मनमानी के चलते सरकार के बनाए हुए कानूनो की पोल खुलती नजर आ रही है। थांदला की निजी स्कुल फ्लॉवरलेट इंग्लिश एकेडमी द्वारा सोमवार को कक्षा एक से पांच तक के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किये। परिणाम तो घोषित किया मगर स्कूल संचालक की हठधर्मिता के चलते कुछ मासूम बच्चो को बिना अपना रिज़ल्ट कार्ड लिए ही वापस घर लौटना पड़ा। इन निजी स्कूलों ने शिक्षा के बजाय अपने व्यवसाय पर ज्यादा बल देना शुरू कर दिया है, जिसके चलते ये अपनी मनमानी पर उतर आए है। अपने बच्चो के उज्जवल भविष्य हेतु उन्हें क्वालिटी एजुकेशन दिलाने की उम्मीद से इन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु भेजने वाले अभिभावक इनकी तानाशाही के आगे बेबस हो गए। शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाती इस निजी स्कूल ने अभिभावकों पर इसी सत्र मे स्कुल ड्रेस बदल दी व नवीन ड्रेस खरीदने को लेकर भी अभिभावकों पर काफी दबाव बनाया और अभिभावकों को कोरोना काल में भी ड्रेस लेने पर मजबूर किया गया। जिन दिनों पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी उन दिनों में पूरे जिले में कही भी किसी भी स्कूल ने ड्रेस के लिये दबाव नही बनाया। थांदला की फ्लॉवरलेट इंग्लिश एकेडमी के संचालक ने उस वक्त भी दबाव बनाकर सभी से ड्रेस मंगवाई ओर कमीशन का खुला खेल खेला। आज भी जब अभिभावक जावेद खान हरीश भाटी ओर कमलेश सोनी,,अपने बच्चो को लेकर परीक्षा परिणाम लेने गए तो उन्हें यह कहकर भगा दिया गया की आपकी फ़ीस बाकी है। बेबस पिता कानून से अनभिज्ञ मायूस होकर वापस अपने बच्चे को लेकर घर लौट आये। जब की सर्वोच्च न्यायालय का सख्त आदेश है कि कोई भी स्टूडेंट अगर फीस जमा नहीं करता है तो उसे परीक्षा देने, परीक्षा परिणाम जानने एवं एसएलसी देने से रोका नहीं जाए। माननीय उच्चतम न्यायालय के 85 प्रतिशत फीस लेने के आदेश के बावजूद इस संस्था के द्वारा अभिभावकों से पूरी फीस वसूली गई।
उच्चतम न्यायालय के द्वारा कहा गया कि सत्र 2020-21 के लिए निजी स्कूल कुल फीस का 85% ही ले सकेंगे व सत्र 2021-22 के लिए सामान्य लागू फीस ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने भी 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश के निजी स्कूलों को सत्र 2021 - 22 में भी केवल शिक्षण शुल्क ही लेने का आदेश जारी किया था, जिसके विपरीत इस संस्था ने ऐसा ना करते हुए अभिभावकों से 100 प्रतिशत फीस की वसूली की गई, और फीस जमा ना होने पर छात्रों के परीक्षा परिणाम रोक लिए।
बाइट,, कलेक्टर सोमेश मिश्रा। आप एक शिकायत आवेदन पत्र लिखकर दे में deo से कहकर दिखवाता हु।
बाइट,, जिला शिक्षा अधिकारी ओपी बनरे।
स्कुल शिक्षा विभाग के द्वारा सख्त निर्देश है की किसी भी स्टूडेंट्स को परीक्षा देने, एसएल सी देने से और परीक्षा परिणाम देने से नही रोका जा सकता है अभिभावक मुझे लिखित शिकायत करते है तो ऐसा करने वाली संस्थाओं पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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