अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे देश में अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान दिनांक 2 अक्टूबर से 14 नवम्बर-2021 तक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसी क्रम में दिनांक 10.10.2021 (रविवार) विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय झाबुआ में नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार महोदय जी के मार्गदर्शन एवं अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिविसेप्रा झाबुआ श्री लीलाधर सोलंकी जी के निर्देशन तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झाबुआ श्री नदीम खांन एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट झाबुआ श्री अमन सुलिया की उपस्थित में दिनांक 10.10.2021 (रविवार) विश्व मानसिक दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय झाबुआ में ”भारत के अंतर्गत महोत्सव“ एवं नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से श्री लीलाधर सोंलकी जी ने उपस्थित लोगों को बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम - 1987 की धारा 12 के तहत वह व्यक्ति जिन्हें अशक्त व्यक्तियों (समान अधिकारों की रक्षा और पूर्ण सहभागिता) अधिनियम - 1995 के तहत परिभाषित किया गया है और जिन्हे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम-1987 की धारा 2 के खंड (क्यू) के अर्थ में मनोचिकित्सक अस्पताल अथवा मनोचिकित्सक नर्सिंग होम में रखा गया है विधिक सेवाओं के हकदार है। श्री सोलंकी जी ने बताया कि सभी प्रकार के नशा तथा नशीली वस्तुऐ जैसे- बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट, शराब, गांजा, भांग, अफीम, चरस आदि को छोड़ने की सलाह एवं समझाईस दी गई तथा नशा मुक्ति केन्द्र में उपचार व परामर्श कराकर नशे की लत को छोड़ने की सभी से अपील की। श्री सोलंकी जी कहा कि नशा नाश की जड़ है, जिससे व्यक्ति के शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री नदीम खांन ने भी उपस्थित लोगों को बताया कि नशा व्यक्ति को शारीरिक रूप से नष्ट करता है एवं व्यक्ति की सामाजिक स्थिति भी खराब हो जाती है और व्यक्ति अपने परिवार व समाज पर बोझ बन जाता है। और नशे से मुक्त होकर व्यक्ति अपने परिवार समाज व राष्ट्र के विकास में सहयोग करता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अमन सुलिया ने भी स्वापक और औषधियां मनोदैहिक पदार्थ के बारे में जानकारी प्रदान की। शिविर पश्चात् श्री लीलाधर सोलंकी, श्री नदीम खांन, श्री अमन सुलिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ श्री जयपाल सिंह ठाकुर, सिविल सर्जन श्री बी.एस. बघेल एवं स्टॉप के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री सोलंकी जी ने अलग-अलग बार्ड एवं वृद्धजन रोग निदान कक्ष में जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से उनके स्वास्थ्य एवं भोजन आदि के बारे में पूछताछ की।
Post a Comment