अग्रि भारत समाचार से शादाब शेख की रिपोर्ट
देवास। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश देवास द्वारा प्रकरण क्रमांक 334/2018 में आरोपी प्रकाश पिता स्वर्गीय नीलकंठ चिंचोलीकर पूर्व शाखा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक शाखा टिगरिया गोगा देवास को धारा 409 भा.द.स. में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थदंड, धारा 467 भा.द.स 7 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 468 भा.द.स में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदंड धारा 471 भा.द.स में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदंड से दोषी पाते हुए दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार प्रकरण इस प्रकार है कि आरोपी प्रकाश द्वारा ग्राम टिगरिया गोगा में शाखा प्रबंधक रहते हुए इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों (पासवर्ड) के द्वारा कपट व बेईमानी पूर्वक अवैधानिक तरीके से बैंक की राशि अपने स्वयं के पुत्र के नाम पर हस्तांतरित कर ली और बैंक को कुल रुपए 16 लाख 45 हजार 467 रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाई। जिसकी शिकायत बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र में की थी। जिस प्रकार पुलिस को अपराध क्रमांक 274/2018 का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण दर्ज किया था। जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य पर विश्वास करते हुए आरोपी को दोषी पाया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से मनोज हेतावल अपर लोक अभियोजन ने पैरवी की। कोर्ट मुंशी, प्रधान आरक्षक दिनेश डामोर, आरक्षण प्रीतम निमरोट का सराहनीय योगदान रहा।
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