अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते सम्पूर्ण देश के साथ आदिवासी संसदीय क्षेत्र रतलाम झाबुआ के निवासी भी काफी परेशान है। यहां पर लगभग 85 प्रतिशत जनता अजजा वर्ग की होकर उनका मुख्य कार्य मजदुरी करना है वे अपने क्षेत्र के साथ ही अन्य पडोसी राज्यों में मजदुरी करने जाते है।कोरोना वैश्च्कि महामारी एवं लाकडाउन जैसी स्थिति के कारण उन्हे गुजरात, महाराष्ट्र,राजस्थान में कार्य नहीं मिल रहा है वहां भी मजदुरों कर्मचारीयों की छटनी की जा रही है, गरीब आदिवासी गत वर्ष की स्थिति को देखते हुए अपने अपने घर लौट गये है एवं वर्तमान भी प्रतिदिन सेकडों मजदुर अपने गृह क्षेत्र में लौट रहे है। साथ ही आदिवासी समाज में शादीयों का दौर भी चल रहा है ऐसी स्थिति में अनेक ग्रामीण अपने घर आये हुए है तथा कोराना माहमारी चलते अब वे अन्य राज्यों में मजदुरी करने नहीं जावेगे, ऐसी स्थिति में झाबुआ,रतलाम,अलीराजपुर बेरोजगारी की स्थिति बन रही है, ग्रामीण जनता के पास कार्य नहीं है साथ ही ग्रीष्म कालीन होने से बिमारी आदि भी बहुत बड रही है।जिससे हर कोई भयभीत है तथा उन्हे अपने क्षेत्र में कार्य न मिलने के कारण जीवन यापन करने में कठिनाई हो रही है। जिले में तत्काल राहत कार्य चालू किये जाने चाहिए।
उक्त जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटट ने बताया कि पूर्व केबिनेट मंत्री एवं झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि आदिवासी जिलों में तत्काल राहत कार्य प्रारंभ किये जावे साथ ही झाबुआ, अलीराजपुर एवं रतलाम जिले के कलेक्टरों से पत्र लिखकर मांग की है कि वे अपने अधिनस्थ क्षेत्र में तत्काल राहत कार्य प्रारंभ किये जावे जिसके अन्तर्गत प्राथमिकता से तालाब निमार्ण किये जावे एवं उसी के साथ साथ तालाब,बैराज जो पूर्व में बने हुए है उनमें गाद जमा हो गयी है उन्हे भी गहरीकरण किया जाना आवश्यक है,जिससे आगामी वर्षाऋतु में उनमें पर्याप्त पानी संग्रहण हो सके साथ ही गहरीकरण से निकलने वाली गाद, मिट्टी कृषकों को मुफ्त में दी जावे जिससे किसान अपने खेतों मे ंउर्वरक शक्ति भी बढा सके, गहरीकरण से जहां कूप एवं हेण्डपंप में जलस्तर बढेगा वही गरीब अजजा वर्ग के लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा । इसके अलावा जहां सुदूर सडक निर्माण, रोजगार मूलक एवं बडे तालाब, बैराज की जहां आवश्यकता हो उसे भी प्राथमिकता से किया जावे। भूरिया ने बडे एवं रोजगार मूलक कार्यो पर विशेष ध्यान दिये जाने की मांग की है। पेयजल हेतु हेण्डपंप जहां आवश्यकता हो वहां प्राथमिकता से किये जावे ना कि किसी की सिफारिश से किये जावे ।
श्री भूरिया ने यह भी मांग की है कि जिले में ज्यादा से ज्यादा शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं को बढाया जावे जिससे गरीब आदिवासीयों को झोलाछाप डाक्टरों के पास न जाना पडे । एवं अपना इलाज मुफ्त में करा सकें।
Post a Comment