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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

मध्य भारत संपादक अली असगर बोहरा मो.न.8962728652

BMO Dr. ML Jain and Dr. Sumit Jain, who became the Messiah of the Corona positive patients, are being praised by the father and son in Jhaknavada Kshetra of Jhabua district.

झाबुआ । देश भर में कोरोना वायरस ने तेजगति से रफ्तार पकड़ी है। जिससे आज पूरे देश की हालत गंभीर हो चुकी है।ऐसे बिगड़े हालातो में देश भर में डॉक्टर अपनी व अपने परिवार की जान की परवाह किए बिना कोरोना काल में भगवान का अवतार बनकर सेवाएं दे रहे है वो सराहनीय है।


कोरोना मरीजों के मसीहा बने पिता -पुत्र

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बड़ी तादाद में उभर बाहर आई है। व धार झाबुआ जिले में भी कोरोना ने तेजी से पैर पसार दिए हैं। जिससे मरीजों की संख्या बड़ी है। उसी के चलते झाबुआ जिले झकनावदा,सहित आसपास के कोरोना संक्रमित मरीजों को धार जिले के मानवसेवा हॉस्पिटल में सेवारत सुमित -एम एल जैन व सरदारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डा.एम.एल.जैन को की जैन साहब के नाम से सुप्रसिद्ध है। अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना मरीजों का बेखौफ ईलाज कर रहे है। व संक्रमित मरीज को इतना आराम और प्यार से समझाते है की मरीज अपना गम भूलकर हमेशा हस्ता नजर आता है। और झकनावादा क्षेत्र से कई कोरोना पाजिटीव आए मरीजों ने सरदारपुर ,राजगढ़ मानवसेवा हॉस्पिटल में अपना उपचार करवाया और जब वो मरीज कोरोना को जंग जीत स्वास्थ्य होकर अपने घर को वापस लोटे तो मरीजों का कहना है की अन्य डॉक्टर को तुलना डा.जैन साहब एवं डा.सुमित जैन का मरीजों के प्रति जो प्रेम और सेवा भाव है वह सराहनीय है। प्रत्येक मरीज को अपना परिवार का सदस्य मानकर पॉजिटिव मरीज को भी करीब से बात चीत करते है और उन्हें हौसला दिलाते है की आप बिलकुल ठीक हो जाओगे चिंता ना करे। यह सेवा भाव इस कोरोना काल में हर किसी में नजर नहीं आता। इसके साथ ही इन दोनो ही पिता पुत्र की एक और बात है की कभी भी किसी भी मरीज को कभी निराश नहीं होने देते और ना ही इन मरीजों के मसीहा कहे जाने वाले भगवान के चेहरे पर ना ही थकान और नाही मायूसी नजर आती है। इसके साथ ही बेखौफ दिनभर में सैकड़ों मरीजों का उपचार करते है। आपको बता दे की धार झाबुआ के कई ग्रामीण इलाको के लोग कई किलोमीटर का सफर तय कर जैन साहब के पास अपना उपचार करवाने आते है। और पूर्णतः स्वस्थ होकर हस्ते हुए अपने घरों की और लोटने है। इसके साथ ही आपको बता दे की एक वर्ष पूर्व आए कोरोना संक्रमण में डॉक्टर जैन दो बार होम आइसोलेट भी हो चुके हैं ,लेकिन उसके बावजूद भी मरीजों के प्रति उनका सद्भाव एवं उनका प्रेम एवं सेवा भाव देखकर हर कोई अचंभित है। क्योंकि अब जो कोरोना वायरस है वह पहले की तुलना में बहुत घातक है। उसके बाद भी पिता पुत्र की जो सेवा है वह धार झाबुआ दोनों ही जिलों के लिए एक सराहनीय कार्य है।



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