अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । क्षेत्र के वरिष्ठ स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व. तुलसिरामजी वैध के पुत्र, भेरूलाल वैध के बड़े भ्राता, पत्रकार राजेश वैध के अंकल, गांधीवादी विचारों के धनी, सेवानिवृत्त शिक्षक बालकवि श्री बिहारीलालजी वैध का 20 मार्च को पेटलावद में निधन हो गया।
देश की आज़ादी की लड़ाई पत्रकारिता के माध्यम से शुरू करने वाले जिले के वरिष्ठ स्वतन्त्रता सेनानी व राज्यसभा सदस्य स्व. कन्हैय्यालालजी वैध की साहित्य साधना, समाज एव राष्ट्र सेवा की गहरी छाप थांदला की माटी में जन्मे श्री बिहारीलाल वैध के जीवन मे बाल्यकाल से ही धर कर गई थी । वे आजीवन खादी वस्त्र ही पहनते थे।
अमर शहीद चंद्रशेखर "आज़ाद" के बलिदानी जीवन के विचारों से युवा पीढ़ी में राष्ट्रीय भावना, चरित्र, अनुशाशन व देश के प्रति बलिदानी भावना जागृत करने के लिए "आज़ाद" की जन्मभूमि भाबरा की माटी का कलश लेकर उनकी जन्मभूमि से कर्मभूमि तक यात्रा कर युवाओ को संदेश दिया । पेशे से शिक्षक रहे श्री वैध ने अपना शिक्षक जीवन निमाड़ (सनावद) में गुजारा व युवाओ के प्रेरणास्त्रोत बने । बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय काव्य में रुचि रखते उन्हें बालकवि की उपाधि से पहचान मिली । सेवानिवृत्त के पश्चात वे अपने गृहनगर थांदला आ गए थे व पश्चात गत वर्ष पेटलावद में स्थाई रूप से रहने चले गए थे। वे अपने पीछे दो पुत्र व दो पुत्रियों का भर पूरा परिवार छोड़ गए।
उनके निधन के समाचार मिलते ही नगर में शोक छा गया । क्षेत्र के विधायक वीरसिंह भूरिया, नगर पंचायत अध्यक्ष बंटी डामर, भाजपा नेता विश्वास सोनी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण भट्ट, नगीन शाहजी, वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र कांकरिया, कुन्दन अरोड़ा, मुकेश अहिरवार सहित क्षेत्र के पत्रकारगनो ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की । ऐसे महान राष्ट्रवादी चिंतनकार स्वर्गीय बिहारीलाल वैद्य को श्रद्धा सुमन।
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