अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्दा की रिपोर्ट
धार । जिला चिकित्सालय में दानदाताओं, सीएसआर फंड से बने वार्ड, एनएचएम, भवन रेनोवेट, विभिन्न निर्माण कार्यो के तहत किए गए कार्यो के दोहराव न हो, साथ ही डबल पेमेंट होने की कोई संभावना ना हो, इसके लिए किए गए कार्यो का ब्योरा तैयार करें। पीडब्ल्यूडी से क्रास चैक करवाया जाए। सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाए। साथ ही परिसर में संचालित हो रही दुकानों में जिन दुकानदारों ने अभी तक अनुबंध की राशि जमा नहीं की है, उनकी दुकानों को सील करने की कार्यवाही कर इसकी निलामी कर अन्य को दी जाए। अन्य दुकानदारों जिनकी राशि बकाया है, उन्हे नोटिस देकर 15 दिन में राशि जमा करने के लिए कहा जाए। इसके बाद भी दुकानदरों द्वारा राशि जमा नहीं की जाती है तो उनकी दुकानों को भी सील करने की कार्यवाही की जाए। उक्त निर्देश धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिला अस्पताल में आयोजित रोगी कल्याण समिति की बैठक में दिए। कलेक्टर ने कहा कि जिन दुकानदारों ने पंजीयन नहीं कराया है उनकी भी दुकान निरस्त करने की कार्यवाही करें । कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि लाईफ सर्पोट एम्बुलेंस का लगातार इस्तमाल होता रहे। जहाॅ भी एम्बुलेस की आवश्यकता हो उन्हे निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए लोकल के अस्पतालों से भी चर्चा की जाए। उन्होंने बताया की यह एम्बुलेंस सम्पूर्ण सुविधाओं से लेस है। इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए। इससे एम्बुलेंस के मेटेनेंस का खर्च उपलब्ध हो सकेगा। बैठक में तय किया गया कि लाईफ सर्पोट एम्बुलेंस के रख-रखाओं तथा मरम्मत आदि के लिए धार से इंदौर तक का सेवा शुल्क 6 हजार निर्धारित किया जाए। यदि एम्बुलेंस अन्य स्थानों पर मरीज को ले जाती है, तो उसका 15 रूपए प्रति किलोमीटर की दर से सेवा शुल्क रहेगा।चिकित्सालय की साफ-सफाई के लिए चिकित्सालय में इंटरनल मैकेनिजम तैयार किया जाए।
अषासकीय महाविद्यालयों में जिनके द्वारा चिकित्सा प्रषिक्षण शुल्क जमा नहीं किया जा रहा है। उनके विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही की जाए। यह सुनिष्चित किया जाए फिजियोथैरपी सहायक के मानदेय में जितना व्यय हो रही, उतनी आय रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा हो। चिकित्सालय की आय बढाए व्यय फिक्स करे, आय के साधन में वृद्धि की जाए, इन सब की लगातार मानीटरिंग की जाए।
चिकित्सालय में एक्स-रे के लिए 50, सोनोग्राफी के लिए 100, पैथालाॅजी के 50, माईनर आर्थोपेडिक ओ टी शुल्क 50 रूपए करने का निर्णय लिया गया। इसमें निर्धारित श्रेणी के व्यक्तियों को छूट की पात्रता होगी। बैठक में बताया गया कि जिला चिकित्सालय में प्राईवेट वार्ड नहीं होने से काफी परेशानियों का समाना करना पडता है। मरीजों एवं परिजनों के हित के लिए पाॅच प्राईवेट वार्ड के डिजाईन बनवाई जाए। लिक्वीड वेस्ट के मेनेजमेंट के लिए ईटीपी प्लांट का प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाए। बैठक में सिविल सर्जन डाॅ अनुसूया गवली, समिति के सदस्य व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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