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अग्रि भारत समाचार उज्जैन

Accused of raping a girl who was abducted and punished by rigorous imprisonment of 12 years.

उज्जैन । न्यायालय श्रीमान अभिषेक सक्सेना, अतिरिक्त अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश, तहसील नागदा जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. मनीष पिता ओंकारलाल 02. विनीत पिता मदनलाल तहसील नागदा जिला उज्जैन को धारा 376(2)एन भादवि में 12-12 वर्ष का कारावास एवं धारा 363, 366 भादवि में 03-03 वर्ष का कारावास एवं उक्त के अतिरिक्त आरोपी मनीष को धारा 506 भादवि में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 342 भादवि मे 06 माह का सश्रम कारावास एवं दोनों आरोपीगण को  कुल- 30,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 


अभियोजन की घटना इस प्रकार है कि पीड़िता के माता-पिता ने पीड़िता के साथ थाना बिरलाग्राम पर उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मेरी बच्ची विद्यालय में अध्ययन कर रही है, घटना दिनांक 22.08.2015 को शाम के लगभग 05ः10 बजे उनकी लडकी स्कूल की छुट्टी होने के पश्चात् ट्यूशन के लिए साईकिल से जा रही थी। काॅलोनी के तिराहे में मेरी लडकी को मनीष एवं विनीत  मोटरसाईकिल पर मिले। दोनो ने मेरी लडकी का रास्ता रोक लिया और आरोपी मनीष ने चाकू दिखाकर मेरी लडकी को अपने घर चलने के लिए कहा, मेरी लडकी चाकू देखकर डर गयी और उसने आरोपीगण के साथ जाने से मना कर दिया, तब आरोपी मनीष ने चाकू दिखाकर मेरी लडकी को मां-बहन की अश्लील गालियां दी तथा मेरी लडकी व उसकी बहनों को जान से मार देने की धमकी देने लगा। आरोपी मनीष मेरी लडकी  को रतलाम लेकर चला गया। आरोपी मनीष ने घर के पीछे के दरवाजे से मेरी लडकी को घर के अंदर ले जाकर कमरे के दरवाजे को बंद कर अंदर से ताला लगा दिया। आरोपी विनीत घर के बाहर खड़ा हुआ था। मेरी लडकी के चिल्लाने पर आरोपी मनीष ने मोबाईल पर तेज आवाज में गाना लगा दिया और कमरे के दोनों पंखे तेजगति से चला दिये। आरोपी मनीष ने मेरी लडकी के साथ मारपीट की, जिससे उसके दोनों गालों, होठ, सिर, गले व दोनों कंधों में चांेटे आई। इसके बाद आरोपी मनीष ने मेरी लडकी का मुंह दबाकर दो बार उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी मनीष ने मेरी लडकी को धमकी दी कि अगर घटना के बारे में किसी को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा। आरोपी मनीष मेरी लडकी को कमरे के बाहर निकाल दिया। मेरी लडकी बाहर सड़क पर आयी, जहां पर उसे आरोपी मनीष के मामा मिले। मामा ने मेरी लडकी को मेरे घर पर छोड़ दिया। भय के कारण मेरी लडकी के द्वारा घटना के संबंध में नहीं बताया गया। फिर घटना के बारे में बताने पर रिपोर्ट लेख कराने आये है। पीड़िता के माता-पिता की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना बिरलाग्राम द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई एवं आवश्यक अनुसंधान पश्चात् आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया। 


दण्ड के प्रश्नः- आरोपीगण द्वारा निवेदन किया कि यह उसका पहला अपराध है इसलिये उसे न्यूनतम दण्ड से दण्डित किया जाये, अभियोजन अधिकारी द्वारा आरोपीगण को अधिकतम दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। 

न्यायालय की टिप्पणीः- न्यायालय द्वारा टिप्पणी की गई कि बलात्संग के अपराध के कारण एक महिला का संपूर्ण जीवन प्रभावित हो जाता है तथा वह बहुत दीर्घ काल तक अपने सामान्य जीवन यापन में असमर्थ हो जाती है। साथ ही उक्त महिलाओं को सामाजिक दृष्टि में भी हेय समझा जाता है तथा उन्हें उचित सम्मान प्राप्त नहीं होता है।


आरोपीगण को नाममात्र के दण्ड से दण्डित कर छोड़ा जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एजीपी श्री रेवतसिंह ठाकुर, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, नागदा, जिला उज्जैन द्वारा की गई।

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