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झाबुआ । जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) द्वारा बालकों के संरक्षण अधिनियम 2015-16 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत 21 नवंबर शनिवार को दोपहर 2 बजे से स्थानीय बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण कर संपूर्ण व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के साथ चाईल्ड लाईन एवं वन स्टॉप सेंटर के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
सीडब्ल्यूसी के वरिष्ठ सदस्य यशवंत भंडारी, गोपालसिंह पंवार एवं ममता तिवारी के नेतृत्व में वन स्टॉप सेंटर प्रभारी श्रीमती लीला परमार, चाईल्ड लाईन समन्वयक सुश्री निधि भूरिया एवं वरिष्ठ षिक्षिका श्रीमती मंगला गरवाल ने संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर नववर्ष मिलन समारोह भी संप्रेक्षण गृह में निवासरत बालकां के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में न्याय पीठ ने संप्रेक्षण गृह में निवासरत सीी बालकों से उनके संबंध में जानकारी प्राप्त कर संप्रेक्षण गृह में मिल रहीं सुविधाओ के बारे में जाना। बाद चाईल्ड लाईन की कोर्डिनेटर सुश्री निधि भूरिया ने चाईल्ड लाईन द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध जानकारी देते हुए बताया कि चाईल्ड लाईन द्वारा बच्चो के हित में पूरे देश में कार्य किया जा रहा है। संस्था हर बालक-बालिका की किसी भी समस्या के निराकरण के लिए सातो दिन 24 घंटे उपलब्ध तत्पर रहती है।
चाईल्ड लाईन का टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1098 है, कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर कॉल कर बच्चां की समस्याओं के बारे में बता सकता है। पीडि़त महिलाओं को सहायता उपलब्ध करवाई जाती है वन स्टॉप सेंटर प्रभारी श्रीमती लीला परमार ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में बताया कि उक्त केंद्र के माध्यम पीडि़त महिलाओं को 5 प्रकार से सुविधाएं तत्काल प्रदान की जाती है। विषेषकर उनके घरेलु एवं आपसी विवादों का समाधान करने के लिए काउंसिलिंग कर उनकी हर संभव मद्द की जाती है। आवष्यकता पड़ने पर स्वास्थ्य संबंधी एवं विधिक सहायता भी पीडि़त महिलाओं को उपलब्ध करवाने में संस्था पूर्ण सहयोग प्रदान करती है। इस अवसर पर वरिष्ठ षिक्षिका श्रीमती मंगला गरवाल ने बताया कि वह प्रतिदिन संप्रेक्षण गृह में आकर यहां रह रहे बालकों को नैतिक शिक्षा के साथ उनके चरित्र निर्माण के लिए उन्हें निःशुल्क मार्गदर्षन देती है। साथ ही उनके द्वारा किए गए अपराध का सूक्ष्म अवलोकन कर उन्हें उनसे दूर रहने की समझाईश भी प्रदान करती है।
सीडब्ल्यूसी के सदस्य गोपालसिंह पंवार ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में बालकों से कहा कि क्षणिक आवेष में आकर आप अपराध तो कर बैठते है, परन्तु उसका परिणाम बहुत भयावह होता है। अभी आप सभी की पढ़ने-लिखने और खेलने की उम्र है, ऐसे में आपको इस गृह में अपने द्वारा घटित अपराध के कारण मजबूरीवष रहना पड़ रहा है। अतः यहां से छूटने के बाद आप एक अच्छा नागरिक बनने के प्रयास करे। महिला सदस्य ममता तिवारी ने नववर्ष की बधाई देते हुए उपस्थित बालकों से कहा कि वे यहां रहकर अपने जीवन में सुधार लाने की कोषिष करे।
अपराधी व्यक्ति को परिवार और समाज में नहीं मिल पाता है सम्मान
आयोजन के मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता न्याय पीठ के वरिष्ठ सदस्य यशवंत भंडारी ने संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यहां के स्टॉफ द्वारा निवासरत बालकां को अच्छी सुविधाएं प्रदान की जा रहीं है। साथ ही उनके भविष्य निर्माण के लिए भी जो प्रयास किए जा रहे है, वह प्रशंसनीय है। आपने उपस्थित बालकां को समझाईश देते हुए कहा कि अपराध पूर्ण जीवन से ना तो परिवार में और ना ही समाज में सम्मान मिलता है। साथ ही अपराधी का सारा जीवन अंधकारमय हो जाता है। जिस प्रकार पिंजरा चाहे सोने का हो, परन्तु पक्षी उसमें रहना पंसद नहीं करता है, उसी तरह बंदिषे किसी भी व्यक्ति को पसंद नहीं होती है। हर व्यक्ति स्वतंत्रापूर्वक अपना जीवन व्यतीत करना चाहता है। ऐसी स्थिति में आपने जो जाने या अनजाने में अपराध किया, उसके कारण आज आप अपने परिवारजनां से दूर हो गए है।
भविष्य में अपराध ना करने का दिलवाया संकल्प
बाद श्री भंडारी ने संप्रेक्षण गृह में निवासरत सभी बालकां को भविष्य में अपराध ना करने की एवं एक अच्छा देषभक्त नागरिक बनने का संकल्प भी दिलवाया। कार्यक्रम का संचालन सीडब्ल्यूसी के सचिव चेतन तिवारी ने किया एवं आभार चाईल्ड लाईन की सुश्री अनिता डामोर ने माना। इस अवसर पर चाईल्ड लाईन, वन स्टॉप सेंटर सहित बाल संप्रेक्षण गृह के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।
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