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संपादक - मोहम्मद अमीन

Congress leader Ahmed Patel passed away, Prime Minister Modi expressed grief.

नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया है. बुधवार की सुबह 3.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके बेटे फ़ैसल पटेल ने ट्विटर पर यह जानकारी दी. क़रीब एक महीने पहले अहमद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. 71 साल के पटेल का निधन दिल्ली के अस्पताल में हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमद पटेल के निधन पर शोक जताते हुए लिखा है कि 'अपने तेज़ दिमाग़ के लिए जाने जाने वाले पटेल की कांग्रेस को मज़बूत बनाने में भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा.

अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. अहमद पटेल जब तक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे तब तक पार्टी में काफ़ी ताक़तवर रहे. वे 1985 में राजीव गांधी के संसदीय सचिव भी रहे थे.

कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति 2018 में हुई थी. आठ बार के सांसद रहे पटेल तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए और पाँच बार राज्यसभा के लिए. आख़िरी बार वो राज्यसभा 2017 में गए और यह चुनाव काफ़ी चर्चा में रहा था.

गांधी परिवार के विश्वासपात्र

1986 में अहमद पटेल को गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर भेजा गया. 1988 में गांधी-नेहरू परिवार द्वारा संचालित जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए. यह ट्रस्ट सामाजिक कार्यक्रमों के लिए फंड मुहैया कराता है.

धीरे-धीरे अहमद पटेल ने गांधी-नेहरू ख़ानदान के क़रीबी कोने में अपनी जगह बनाई. वो जितने विश्वासपात्र राजीव गांधी के थे उतने ही सोनिया गांधी के भी रहे.

21 अगस्त 1949 को मोहम्मद इशाक पटेल और हवाबेन पटेल की संतान के रूप में अहमद पटेल का जन्म गुजरात में भरुच ज़िले के पिरामल गांव में हुआ था.


राजनीतिक जीवन

पटेल ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत नगरपालिका के चुनाव से की थी, जिसके बाद आगे पंचायत के सभापति भी बन गए। बाद में इन्होंने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया और उसके बाद राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए। इन्दिरा गांधी के आपातकाल के बाद 1977 में आम चुनाव हुए थे, जिसमें इन्दिरा गांधी की हार हुई थी। इसी चुनाव में इनकी जीत हुई और पहली बार पहली बार लोकसभा में आए थे। ये तीन बार लोकसभा सभा सांसद(1977, 1980,1984) और पांच बार राज्यसभा सांसद (1993,1999, 2005, 2011, 2017 वर्तमान) रहे हैं।

80 के दशक में भरूच कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था. अहमद पटेल यहां से तीन बार लोकसभा सांसद बने. गुजरात से लोकसभा पहुंचने वाले आखिरी मुस्लिम सांसद कांग्रेस के अहमद पटेल ही हैं, जो 1984 में लोकसभा पहुंचे थे. 1989 में अहमद पटेल भरूच सीट से भाजपा के चंदू देशमुख से 1.15 लाख वोटों से हार गए थे. इसके बाद से कोई मुस्लिम सांसद गुजरात से लोकसभा नहीं पहुंचा है. अहमद पटेल अब राज्यसभा सदस्य हैं.

ज्ञात हो गुजरात की आबादी में मुस्लिमों की भागीदारी 9.5 फीसदी है. इसी दौरान 1984 में अहमद पटेल की कांग्रेस में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्ति हुई.

जल्द ही उन्हें पार्टी में प्रमोशन मिला और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बनाए गए. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया.

उन्होंने लिखा, "अहमद पटेल नहीं रहे. एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया. हम दोनों 1977 से साथ रहे. वे लोकसभा में पहुँचे मैं विधानसभा में. हम सभी कांग्रेसियों के लिए वे हर राजनीतिक मर्ज़ की दवा थे. मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी. कोई भी कितना ही ग़ुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे. मीडिया से दूर, पर कांग्रेस के हर फ़ैसले में शामिल. कोई कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था. कॉंग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती।



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