अग्रि भारत समाचार कुक्षी
परमात्मा की कृपा जब होती है तब भण्डार स्वयं भरना शुरू हो जाते है... पं.कमलेश जी नागर
कुक्षी । स्वामिनारायण मंदीर बाग रोड कुक्षी से मंदीर दर्शन करने जाओ तब परमात्मा से कुछ भी मत मांगो,परमात्मा सब जानते है मेरे भक्त को क्या देना चाहिए,भगवान कभी अमीरी गरिबी का भेद नही देखते, उनके लिए हर भक्त बराबर होता है.. वो तो केवल यह देखते है की मेरे भक्त के मन मे मेरे प्रति कितनी आस्था है.. भगवान के मंदीर मे दर्शन के समय केवल उनके स्वरूप को निहारो उनके चरणो मे वंदन कर शिश झुकाओ व उनका दर्शन करो, कथा मुख्य रूप से भगवान कृष्ण व सुदामा की मित्रता पर आधारित थी जब सुदामा भगवान कृष्ण से मिलने द्वारिका जाते है तब सुदामा की पत्नी सुशीला कहती है खाली हाथ केसे जाओगे अपने मित्र के घर,,तब सुशीला गाँव के पाँच घरो मे चावल मांगने के लिए जाती है..पाँच घरो से इकट्ठा किऐ गये चावल लेकर सुदामा अपने मित्र के गाँव द्वारिका जाते है.. द्वारा पर खडे द्वारपाल सुदामा का संदेशा लेकर द्वारिकाधीश के पास जाते है,, जेसे ही कृष्ण भगवान को मित्र सुदामा के आने का संदेश मिलता है,, कृष्ण सारा राजपाठ छोडकर महल के मुख्य द्वार पर दोडे चले आते है.. मित्र को महल के अंदर ले जाते परिवार की कुशल क्षेप पुछते है.. ओर खुब खातिर दारी करते है ,,सुदामा अपने मित्र को पत्नी के द्वारा दी गयी छोटी सी भेंट चावल की देते है.. कुछ चावल के दाने उसमे से भगवान खाते है...दुसरे दिन भगवान से मिलकर सुदामा अपने गाँव आते है,, गाँव की चकाचौंध देखकर सुदामा के आश्चर्य का ठीकाना नही रहता है.. पत्नी व बच्चे भी पहले से अच्छी स्थिति मे दिखाई देते है.. सबकुछ बदला बदला सा दिखाई देता है...झोपडिया महलो मे परिवर्तित हो जाती है... आज की कथा का सार यह कहता है.. भगवान के द्वार पर शिश झुकाने मात्र से भगवान याचक की स्थिति को समझ जाते है.. ओर समय आने पर अपने भक्त पर कृपा बरसाना प्रांरभ कर देते है.. आवश्यकता होती है केवल सच्चे मन से भगवान के द्वार तक जाने की।
कथा मे वडताल गादी से पुज्य गोंविद स्वामी,, शास्त्री सत्य प्रकाश दास जी,सुर्य प्रकाश दास जी,स्वामी लक्ष्मी नारायण जी,एवं स्वामी घनश्याम दास जी व कुक्षी मंदीर कोठारी स्वामी राम लक्ष्मण दास जी,,व बालीपुर से योगेश महाराज जी विशेष रूप से उपस्थित थे।
समापन कार्यक्रम को शास्त्री सुर्य प्रकाश दास जी व सत्य प्रकाश दास जी ने आर्शिवचन स्वरूप संबोधित किया,,यजमान परिवार के वदव बाबा जी गाडरिया परिवार व पाटीदार समाज के अध्यक्ष महो.व पंच गणो द्वारा एवं मंदीर समिती सदस्यों, द्वारा सभी संतो व वक्ता श्री का पुष्प हार भेंट कर स्वागत किया गया,,कार्यक्रम का संचालन शास्त्री स्वामी सुर्य प्रकाश दास जी द्वारा किया गया व आभार समिती सदस्य हर्षित मुकाती द्वारा माना ।
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