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अग्रि भारत समाचार सागर✍️


नाबालिग का बलात्कार कराने में सहयोगी नानी की जमानत खारिज।


सागर । न्यायालय श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने रिस्तो को कलंकित करने वाली एवं रिस्ते में लगने वाली नानी द्वारा नाबालिग का बहला फुसला कर एवं डरा-धमका कर बलात्संग करवाने वाली आरोपिया प्रकाश रानी पति भगवान दास अहिरवार का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा। 

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 09.09.2020 को बी.एम.सी. सागर से एक मरीज जिसकी उम्र 15 वर्ष है की गर्भवास्था की जानकारी से संबंधित पत्र थाना प्रभारी, पुलिस चौकी बी.एम.सी. सागर को प्राप्त हुई। घटना चौकी सीहोरा थाना राहतगढ की होने से जाॅच हेतु सीहोरा चौकी प्रभारी को सूचना दी गयी। चौकी प्रभारी, चौकी सीहोरा थाना राहतगढ को जाॅच में बीएमसी सागर के डाॅक्टर से जानकारी प्राप्त हुई कि मरीज जो कि नाबालिग है जिसकी उम्र 15 साल है, के पेट में दर्द की शिकायत पर उसके परिजनों द्वारा बी.एम.सी. में भर्ती कराया गया। नाबालिग की डाॅक्टर के द्वारा सोनोग्राफी कराई गई तो वह 16 हफ्ते 03 दिन के गर्भ से थी। उक्त सूचना पर चौकी प्रभारी द्वारा मेडीकल रिपोर्ट प्राप्त कर नाबालिग के कथन लेख किये गये। जिसमें नाबालिग ने पुलिस को बताया कि आरोपी भगवानदास अहिरवार एवं आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार जो रिस्ते में उसके नाना नानी लगते है जिन्होने जबरदस्ती बहला फुसलाकर एवं जान से मारने की धमकी देकर दो बार पीडिता (नाबालिग) के साथ बलात्कार किया । 

जाॅच के आधार पर आरोपी भगवानदास पिता छोटेलाल अहिरवार एवं प्रकाश रानी पति भगवान दास अहिरवार के विरूद्ध अपराध धारा 376,376(1),376(2),342,506,34 भादवि, 5(एल)/6, 5(जे)(2)/6, 5(एन)/6, पाॅक्सो एक्ट का पाये जाने से थाना राहतगढ द्वारा प्रकरण पजींबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपीगण को गिरिफ्तार किया गया। आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं तर्क प्रस्तुत किये प्रकरण की विवेचना अपूर्ण है। 

आरोपिया द्वारा साक्षियों एवं पीडिता को डराया व धमकाया जा सकता है एवं जमानत का लाभ देने से इस प्रकार की बारदात करने वालों के होशले बढेगें। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

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