4 तारीख को बस द्वारा गम्भीर मरीजों को बड़ौदा भेजा जाएगा ।
अग्री भारत सामाचार से कादर शेख की रिपोर्ट।
थांदला । जीवदया के भाव को मन में लिए जैन समाज हमेशा निःस्वार्थ भाव से समाजसेवा के कार्य करता आ रहा है। इसी तारतम्य में गुजरात के प्रसिद्ध पारुल आयुर्वेद हॉस्पिटल के सहयोग से रविवार को स्थानीय महावीर भवन पर विशाल सर्व रोग निदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में करीब 900 से ज्यादा मरीजों का पंजीयन होकर विभिन्न बीमारियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क परामर्श देते हुए निदान किया गया व आवश्यक औषधि भी निःशुल्क प्रदान की गई। जानकारी देते हुए शिविर संयोजक संघ अध्यक्ष भरत भंसाली, सचिव प्रदीप गादिया, हितेश शाहजी, रवि लोढ़ा ने बताया कि शिविर में ग्रामीणों के अलावा दूर दराज से भी अनेक रोगी उपचार हेतु आये जिनका आवश्यक परीक्षण कर निःशुल्क दवाई प्रदान करवाई गई वही करीब 70 से 75 मरीजों को गम्भीर बीमारी के लिए चिन्हित किया गया जिन्हें उपचार हेतु आगामी 4 तारीख को बड़ौदा भेजा जाएगा जहाँ उनका निःशुल्क उपचार किया जाएगा। इस दौरान मरीज का रहना खाना आदि का भी समस्त व्यय संस्था द्वारा ही वहन किया जाएगा यहाँ तक कि इन सभी मरीजों को लेजाने व यहाँ वापस छोड़ने की व्यवस्था भी संस्था द्वारा की जाएगी। आगे की जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर व मण्डल कोषाध्यक्ष चर्चिल गंग ने बताया कि शिविर में मरीजों के आशातीत ज्यादा आने से शिविर का समय बढ़ाते हुए शाम 5 बजे तक चलाया गया जिससे ग्रामीण अंचल के सभी मरीजों को लाभ मिला व उन्हें उपयोगी दवाई भी फ्री में उपलब्ध करवाई गई। शिविर की सफलता को देखते हुए आगामी दिनों में एक बार फिर इसी तरह का व्यापक शिविर लगाया जाएगा। शिविर में आँख, चिकन गुणिया से शरीर दर्द, पाइल्स, महिला सम्बन्धी बीमारी, बच्चों की बीमारी, गठान, शुगर, ब्लड प्रेशर, मानसिक बीमारी आदि के अनेक मरीजों को लाभ मिला। शिविर में पारुल यूनिवर्सिटी, फेकल्टी ऑफ आयुर्वेदा बड़ौदा के संयोजक डॉ, दर्पण पांचाल, दर्शन भाई, डॉ जैमिनी, डॉ मौसम, डॉ रिदम, डॉ दिव्या, डॉ राहुल राठौड़, डॉ विकासडॉ सुयोग, डॉ विजय, डॉ निजिल, डॉ सोभा, जय परमार, प्रीति बेन, डॉ विनय, डॉ हर्ष, डॉ काजल, डॉ रोशनी, भावेश भाई व राजू भाई ने अपनी अमूल्य सेवाएं प्रदान की वही शिविर के सफल संचालन में उपरोक्त संघ पदाधिकारियों के अलावा कोषाध्यक्ष संतोष चपलोद, मंगलेश श्रीश्रीमाल, विनोद श्रीमाल, अखिलेश श्रीश्रीमाल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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