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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्री भारत सामाचार से इब्राहिम भाई रिज़वी की रिपोर्ट।

बड़वानी । बोहरा समाज के 53 वें धर्मगुरु डॉ सय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन मौला ने सोमवार को पंद्रह वर्ष तक के बच्चों को मोबाइल से दूर रहने की सलाह दी। सय्यदना साहब के फरमान को अमली जामा पहनाते हुए ही कई शहरों में समाज के माता-पिता ने अपने बच्चों को सय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन मौला के फरमान और मोबाईल के दूष्प्रभावों के बारे में बताया तो बच्चों ने सहर्ष मोबाईल नहीं चलाने की हामी भर दी।मोबाइल की लत में बच्चे खेल का मैदान भुल गए, ना कोई अन्य शारीरिक एक्टीवीटी में भाग लेते हैं। कई बच्चे तो स्कूल से आते ही स्कूल बेग फेंक कर मोबाइल पर गेम, यूट्यूब पर रील और शार्ट पर घंटे खर्च कर रहे थे । कई जगह या अधिकांश यह देखने में आ रहा था कि खाना खाने के लिए भी अगर बच्चे के हाथ में मोबाइल है तो वो खाना खाएं। इस सूरत में वो क्या खा रहे हैं या क्या स्वाद है कुछ मालूम नहीं या तो मोबाइल के चक्कर में ओव्हर इटींग हो रही या बच्चे भूखे रह रहे हैं।

 

एक स्टडी के मुताबिक आज पूरे विश्व भर में बच्चों में मोबाइल देखने की लत बढ़ती जा रही है, जिसका बच्चों की सेहत पर बहुत ही बुरा असर देखने को मिल रहा है. जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल चाइल्ड न्यूरोलॉजी एसोसिएशन की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. एक साइकोलॉजिस्ट ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि विश्व भर में जिस प्रकार बच्चे टीवी और मोबाइल पर  अपना समय बिता रहे हैं वह बहुत ही खतरनाक है. 1 साल से लेकर 15 साल तक के बच्चे दिन में लगभग 4 से 5 घंटे तक मोबाइल में और टीवी में उलझे रह रहे हैं, इससे जाहिर है कि उनमें स्वास्थ्य  संबंधी बहुत सारी समस्याएं होने का खतरा है. ऐसे बच्चों में खास तौर पर दिल से जुड़ी  बीमारियां मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होने की संभावना होती है।



आंखों को नुकसान


छोटे बच्चों में भी अब नजर कमजोर होने के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. इसके पीछे की वजह ज्यादा पढ़ाई करना या फिर हेल्थ प्रॉब्लम नहीं बल्कि ज्यादातर मामलों में फोन और टीवी देखने की लत की वजह से नजर कमजोर हो जाती है.


बच्चों के लिए मोबाइल चलाना धीमा जहर हो गया था


बच्चे लगातार  फोन से चिपके रहते  है तो वो घंटों तक एक ही पोजीशन में रहते हैं जिसकी वजह से बॉडी पोस्चर खराब होने  की शिकायत बढ़  रही है और कंधे, गर्दन, पीठ, कमर की मांसपेशियों में अकड़न दर्द की समस्या आम हो गई।


बच्चों में चिड़चिड़ापन आम हो गया


लगातार मोबाइल चलाने की वजह से बच्चे के मूड पर असर पड़ता है और कई बार वह फोन में ऐसी चीजें देख लेते हैं जो उनके व्यवहार पर भी बुरा असर डालती हैं. जब बच्चे को फोन की लत लग जाती है तो उसके व्यवहार में आक्रामकता आ सकती है.


 सय्यदना साहब का संदेश और अमल शुरू


 सय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन मौला के 15 वर्ष तक के  बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का संदेश प्रसारित होने के बाद ही समाज की स्कूलों,मदरसों में आज बच्चों ने मोबाइल से दूर रहने का प्रण किया।

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