अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । दिगम्बर जैन समाज थांदला के लिए गौरवशाली रहा। पुण्य पुंज महान तपस्वी महोत्सव सागरजी महाराज के तप महोत्सव एवं तीन दीक्षा महोत्सव समारोह में शामिल होने आये थांदला संघ के साथ विभिन्न स्थानों से आये करीब 5 हजार जन समुदाय के मध्य जैन धर्म दिवाकर जैनाचार्य 108 पूज्य श्री पुण्यसागरजी महाराज का पिच्छी परिवर्तन समारोह सम्मेदशिखरजी के मधुबन में धूमधाम से मनाया गया। विदुषी वीणा दीदी के निर्देशन में यह पहला अवसर है जब जैनाचार्य ने पिच्छी किसी संघ को प्रदान की गई हो। इस अवसर पर आचार्य श्री ने दिगम्बर जैन संघ अध्यक्ष अरुण (बाला) कोठारी, उपाध्यक्ष पारस मेहता, कोषाध्यक्ष इन्द्रवर्धन मेहता, विजय भीमावत, प्रियंक मेहता, प्रकाश मेहता, चंद्रशेखर मेहता, राकेश मेहता,देवेंद्र मेहता, आनन्द मिंडा, संजय पिण्डरमा, अमित सालगिया,अनिल जैन झांसी वाले, पुष्पेंद्र मोदी, अंबर जैन, कीर्तिश मेहता, जीवंधर मेहता आदि सहित संघ के श्रावक श्राविकाओं को पिच्छी सौंपते हुए उपस्थित धर्म परिषद से कहा कि मोर पंख से बनी हुई पिच्छी सदैव अपने पास रखनी चाहिए। पिच्छी के द्वारा सदैव छोटे जीवों की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि सिद्धक्षेत्र शिखरजी में चार माह का चार्तुमास संपन्न हुआ है वही पुण्यशाली दिवस पर हमारी तो यही भावना है कि आप सब संयम धारण कर पिच्छी ग्रहण करें और अपनी आत्मा का कल्याण करें। संघ अध्यक्ष ने कहा कि थांदला से अनेक आत्माओं ने चारित्र ग्रहण किया है वही थांदला संघ को पहली बार महान संत की पिच्छी मिलने से संघ में जागृति आएगी व आगे भी तप आराधना में वृद्धि होगी इसलिए यह पिच्छी जिन मन्दिर में रखी जायेगी।
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