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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार के लिये मध्य भारत सम्पादक अलीअसगर बोहरा के साथ ब्यूरो चीफ शफ़क़त दाऊदी की रिपोर्ट।


आलीराजपुर । दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार पंडित मुस्तफा आरिफ अपने यूट्यूब चैनल पर दिवाली के दिन से सर जमीने मुशायरा 1950 से 1980 तक की प्रस्तुति का कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। यह कार्यक्रम स्वर्गीय विधायक श्री अकबर अली आरिफ की जन्म शताब्दी के उपलक्ष में उनकी याद में शुरू किया जा रहा है । श्री अकबर अली रतलाम में मुशायरा के आयोजन के लिए सारे भारत के प्रसिद्ध थे।पंडित मुस्तफा आरिफ एक चर्चा में बताया की रतलाम के मुशायरे किसी जमाने में विश्व विख्यात रहे हैं। विशेषकर 1950 से 1970 तक के मुशायरे में भारत व भारत के बाहर के शायरों ने रतलाम में आकर अपने कलाम पढ़े जिसे रतलाम की जनता ने सराहा। त्रिवेणी मेले के मुशायरे में रतलाम के अलावा राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात महाराष्ट्र और राजस्थान के मुशायरा प्रेमी रतलाम आते थे। पंडित मुस्तफा के अनुसार भारत का शायद ही कोई ऐसा शायर हो जिसने रतलाम के मुशायरे के मंच पर अपने कलाम न पड़े हो। इनमें प्रमुख हैं फैज़ एहमद फैज़, जोश मलीहाबादी, रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी, जिगर मुरादाबादी शकील बदायूनी साहिर लुधियानवी कैफ़ी आज़मी, जानिसार अख़तर आदि। आज के मशहूर शायर डॉ बशीर बद्र, प्रोफेसर वसीम बरेलवी, डॉक्टर साहब आज़मी, राज इलाहाबादी, जुबेर रिजवी शम्श मिनाई और बेकल उत्साही जैसे मशहूर शायरों ने भी अपनी युवा अवस्था में रतलाम के मुशायरे मे कलाम पढ़कर प्रसिद्धि पाई। पंडित मुस्तफा ने बताया की मुशायरा के मंच पर वह खुद ही बैठ कर शायरों के कलामो को कलम बंद करते थे। जिसे रतलाम के एक दैनिक में धारावाहिक के रूप में प्रकाशित किया जाता था। ऐसे ही एक मुशायरा प्रेमी व्यक्तित्व जिनका नाम हाजी इमरान भाई स्टेशन वाला है,  वो मुशायरे के मंच पर शायरों के कलामो को कलमबद्ध करते थे और उसके जिल्द तैयार करते थे। हाजी इमरान भाई ने अपने अवसान के कुछ वर्ष पहले संकलन का जखीरा पंडित मुस्तफा को भेंट किया था। उन्हीं के सहयोग से 100 शायरों के लगभग दो हजार कलाम प्रस्तुत करना संभव हो पाया। पंडित मुस्तफा ने रतलाम के अदब व साहित्य प्रेमियों से निवेदन किया है कि वे उनके इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को नियमित सुने और प्रोत्साहित करें। पंडित ने निवेदन किया है कि वह यूट्यूब पर मेरा चैनल पंडित मुस्तफा आरिफ सब्सक्राइब करें लाइक करें और कमेंट करें।

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