अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ । माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान जे.सी.राठौर साहब पेटलावद जिला झाबुआ द्वारा आरोपी दिनेश पिता कालू डामोर निवासी ग्राम सजेली जिला झाबुआ को दोषी पाते हुये धारा 366 भा.दं.वि. में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500/- रुपये के अर्थदण्ड और 5/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 500/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन अतिरिक्तर जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री मतलूब उर रहमान खान एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री प्यारेलाल चौहान, पेटलावद, जिला झाबुआ (म.प्र.) द्वारा किया गया। जिला मीडिया प्रभारी सुश्री सूरज वैरागी, एडीपीओ झाबुआ, द्वारा बताया गया कि घटना दिनांक 18.04.2019 को पीडि़ता के पिता द्वारा पुलिस थाना पेटलावद में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करवाई कि दिनांक 06.04.2019 को उसके फलिये में नुक्ते का कार्यक्रम होने से उसका पूरा परिवार कार्यक्रम में शामिल होने के लिये गया था, जिसमें उसकी नाबालिका पुत्री भी शामिल होने के लिये गई थी नुक्ते का कार्यक्रम समाप्त होने पर उसके परिवार के सभी लोग वापस अपने घर आ गये। लेकिन उसकी नाबालिका पुत्री वापस घर नहीं लौटी थी। लड़की को आस पास सभी जगह तलाश किया गया, किंतु लड़की का कहीं भी पता नहीं चला। नुक्ते के कार्यक्रम में ग्राम सजेली के लोग भी शामिल होने के लिये आये थे, जिसके कारण पीडि़ता के पिता को जानकारी मिली कि ग्राम सजेली के लोग भी नुक्ते में शामिल होने के लिये आये थे और पता चला कि उसकी नाबालिक पुत्री को दिनेश पिता कालू डामोर सजेली का भगाकर ले गया है। पुलिस थाना पेटलावद द्वारा आरोपी दिनेश के विरुद्ध धारा 363, 366, 376 भा.दं.वि. एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर, अनुसंधान के दौरान आरोपी दिनेश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया एवं नाबालिका को दस्तयाब कर उससे पूछताछ करने पर उसने बताया था कि दिनेश ने उसे बोला था कि मैं तेरे साथ शादी करुंगा और अपनी पत्नीे बनाकर रखूंगा, ऐसे बहला फुसलाकर उसे भगाकर ले गया था और उसके साथ रोजाना बलात्कार करता रहा। अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान जे.सी.राठौर साहब पेटलावद, जिला झाबुआ द्वारा आरोपी दिनेश पिता कालू डामोर निवासी ग्राम सजेली जिला झाबुआ को दोषी पाते हुये धारा 366 भा.दं.वि. में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500/- रुपये के अर्थदण्ड और 5/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 500/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
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