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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट


झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को झाबुआ में आयोजित जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन जनजातीय समाज के विकास, उत्थान और उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिये कटिबद्ध है। वनवासी अंचलों का तेजी से विस्तार किया जा रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज मैंने तीर कमान पर चढ़ाया है जिससे की मध्यप्रदेश में विकास परवान पर चढ़ें। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में देश विकास के लिए नई करवट ले रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आज दोनों बाहें फैलाकर जनजातीय समाज का आह्वान करता हूँ कि वे अपनी ज़िंदगी बदलें। मध्य प्रदेश की सरकार उनके लिए योजनाओं की बिछात बिछाकर बैठी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने झाबुआ में जनजातीय समाज के लिए अनेक सौगाते दी। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। भोपाल में इस अवसर पर एक विशाल समागम होगा। इस समागम के लिए उन्होंने समस्त वनवासी समाज को निमंत्रण भी दिया। इस विशाल सम्मेलन में सांसद श्री बी.डी. शर्मा, राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा,औद्योगिक प्रोत्साहन निवेश मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद श्री जी एस डामोर, विधायक श्री श्रीराम डांगोरे, पूर्व मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, पूर्व विधायकगण, श्री कलसिंह भाभर, श्री नागर सिंह चौहान, श्री माधव सिंह डाबर, श्रीमती सुलोचना रावत, सुश्री निर्मला भूरिया तथा श्री शांतिलाल बिलवाल, श्री लक्ष्मण नायक, श्री वकील सिंह ठकराला सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।     मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अनेक छोटे छोटे मामलों में जनजातीय समाज को कोर्ट - कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं, ऐसे मामले जो गंभीर प्रकृति के नहीं हैं उन्हें वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि झाबुआ के स्व. श्री दिलीप सिंह भूरिया ने पेसा एक्ट को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। सन् 1996 में बना यह एक्ट तत्कालीन सरकार ने लागू नहीं किया, लेकिन हमारी सरकार इसे लागू करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक्ट किसी भी समाज के ख़लिफ़ नहीं हैं, यह सामाजिक न्याय और समरसता के साथ लागू किया जाएगा। गाँव की जनता ही गांवों का विकास तय करेगी। गांवों का पैसा गाँव में ही ख़र्च होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह भी कहा कि तेंदूपत्ता के कारोबार का पैसा वन समितियों के माध्यम से वनवासियों को ही मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि 15 नवंबर से सिकलसेल मिशन प्रारम्भ किया जाएगा। विशेषरूप से जनजातीय समाज में होने वाली इस बीमारी का नि शुल्क इलाज कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तत्कालीन सरकारों ने कभी भी वनवासियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। लेकिन हमारी सरकार ने जनजातीय समाज के विकास के लिए हर मुमकिन प्रयास किये हैं और आगे भी किये जाते रहेंगे। झाबुआ अंचल में सिंचाई सुविधा, स्कूल, कॉलेज, आश्रम, छात्रावास, सड़कें इत्यादि मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ही दूसरे गांवों में पढ़ने जाने वाली बेटियों के लिए साइकिल की योजना चालू की। छात्रवृत्ति बढ़ाई और इंजीनियरिंग मेडिकल कॉलेज की फ़ीस भी सरकार जमा कर रही है। यही नहीं हम वनवासी समाज के बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए भी भेज रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 2011 की सर्वे सूची में जिन गरीबों के नाम नहीं है, सर्वे कराकर ऐसे गरीबों के नाम जोड़ने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि हर परिवार को मकान बनाने के लिए सरकार प्लॉट आवंटित करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस साल झाबुआ के ग्रामीण अंचल में 24 हज़ार मकान बन रहे हैं। मकान बनने का यह सिलसिला निरंतर चालू रहेगा । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग सात तारीख़ से नामांतरण बँटवारे का अभियान चलाएगा। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि इसकी निगरानी करें, इसमें कहीं पर भी लेन देन की शिकायत मिली तो उसे नौकरी करने लायक नहीं छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मैंने तीर कमान पर चढ़ाया है ताकि मध्य प्रदेश में विकास परवान पर चढ़े। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वनवासी अंचल की संस्कृति आनंद की संस्कृति है। उन्होंने ऐलान किया कि यहां हर साल झाबुआ उत्सव मनाया जाएगा। इसमें स्थानीय कलाकारों को अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गरीबों की राशन पर्ची को बनाने के संबंध में भी झाबुआ कलेक्टर को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन गरीबों के नाम छूट गए हैं, उनके नाम जोड़े जाएं। मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि मामा के ख़ज़ाने में गरीबों के लिए राशि की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज़ के गांवों में राशन आपके द्वार योजना लागू की जाएगी। गाड़ियों में भरकर राशन इन गांवों में भेजा जाएगा और इसके लिए परिवहन की गाड़ी भी क्षेत्र के युवकों की रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वनवासी समाज में जन्म-मृत्यु और पूजा के अनेक अवसरों पर मदिरा की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में इस समाज की संस्कृति और परंपरा के निर्वाह के लिए महुआ से मदिरा बनाने की छूट भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सांसद श्री गुमानसिंह डामोर की माँग पर स्थानीय महाविद्यालय में आवश्यकतानुसार स्नातकोत्तर क्लासेस खोले जाने की घोषणा भी की।

सांसद श्री बी.डी. शर्मा

इस अवसर पर सांसद श्री बी.डी. शर्मा ने सम्बोधित करते हुये कहा कि राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिये कटिबद्ध है। जनजातीय विकास तथा उत्थान के लिये किये जा रहे कार्यों से हम गौरान्वित है। आजादी के बाद पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा जनजातीय क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान देना शुरू किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति  के विकास एवं उत्थान के लिये भी विशेष प्रयास किये जा रहे है। आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले आदिवासी 

महानायकों को विशेष पहचान दिलायी है। उनके आदर्शों एवं व्यक्तित्व तथा कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। 

सांसद श्री जी.एस. डामोर

सांसद श्री जी.एस. डामोर ने स्वागत भाषण देते हुये कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के मोदीजी के संकल्प को साकार किया जायेगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आदर्शों पर चलकर जनजातीय विकास किया जायेगा। स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी महानायको की भी अहम भूमिका रही है। बिरसा मुण्डा की जयंती को गौरव दिवस के रूप में मनाया जायेगा। युवाओं के रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जहां एक ओर बेकलाग के माध्यम से सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के रिक्त पदों को भरा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हें कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देकर निजी कंपनियों में भी रोजगार दिलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिवासी लोकनर्तकों के साथ मिलाये कदम-ताल

झाबुआ पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान का वनवासी अंचल के परम्परागत लोकनृत्यों के साथ स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री जी को वनवासी संस्कृति का प्रतीक तीर-कमान भेट किया गया, उन्हें साफा एवं परम्परागत पगड़ी भी पहनायी गयी। 

लोकनृत्य कर आदिवासियों के उत्साह को देखकर मुख्यमंत्री श्री चौहान भावविभोर हो गये। आदिवासियों के उत्साह को बढ़ाने के लिये उनके बीच पहुंचे। उन्होंने लोकनृत्य कर रहे नर्तकों के साथ कदमताल मिलाया और उनके  उत्साह को दुगना किया।  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आयोजित जनजातीय सम्मेलन में  विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 140 करोड़ रूपये से अधिक की लागत के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अपने भ्रमण के दौरान झाबुआ जिले में मुख्य रूप से शिक्षा सुविधा के विस्तार, सड़कों के सुदृढ़ीकरण, पेयजल व्यवस्था को सुगम बनाने, स्वास्थ्य, आदिवासी विकास आदि क्षेत्रों के लिये बड़ी सौंगातों के रूप में विभिन्न विकास कार्यों का एक साथ लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में 107 करोड़ रूपये से अधिक लागत के 38 कार्यों का शिलान्यास /भूमिपूजन किया। इसमें उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के नये भवन तथा अतिरिक्त कक्ष, आदिवासी कन्या एवं सीनियर छात्रावास के नवीन भवन संबंधी 60 करोड़ 77 लाख रूपये लागत के 19 कार्य, जल-जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर में नल से जल के लिये 13 करोड़ 68 लाख रूपये लागत के 14 कार्य तथा सड़क निर्माण संबंधी 33 करोड़ 46 लाख रूपये लागत के 5 कार्य शामिल है। इसी तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 32 करोड़ 14 लाख रूपये लागत के 12 विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। इनमें 3 ऑक्सीजन प्लांट, दो नये आंगनवाड़ी भवन, सड़क तथा  ब्रिज निर्माण, बालक छात्रावास तथा उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण, वृद्धाश्रम भवन निर्माण, पुस्तकालय भवन निर्माण, आदि कार्य शामिल है। झाबुआ जिले में 62 कार्यो की राशि 14247.75 लाख का शिलान्यास किया गया। जिले में 12 कार्यो की राशि 3483.83 लाख का लोकार्पण किया गया। धार जिले हेतु 8 कार्य की राशि 1857.31 लाख का शिलान्यास भूमि पूजन किया गया। इस तरह शिलान्यास एवं भूमि पूजन के 70 कार्यो पर रूपए 16105.06 लाख एवं लोकार्पण के 12 कार्यो पर 34.83 का किया गया। कुल 82 कार्य की लागत 19588.89 का शिलान्यास/भूमि पूजन/ लोकार्पण किया गया। वन अधिकार के 39 हितग्राहियों को वन अधिकार हक प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। परिवहन विभाग द्वारा 30 महिलाओं को आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत लर्निंग लायसेंस दिया गया।

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