अग्रि भारत समाचार से अनिल उपाध्याय की रिपोर्ट
खातेगांव । नेमावर में मिट्टी के रावण के वध करने की 454 वर्षों पुरानी यह अनुठी परंपरा का तोमर परिवार आज भी निर्वहन कर रहा है। इसी परंपरा को नेमावर का भट्ट परिवार मिट्टी के रावण बनाकर अपने दायित्वों का भी निर्वहन रहा है। आपसी तालमेल एवं प्रेम का यह अनूठा संगम नेमावर में दशहरे के दिन देखने को मिलता है। बताया जाता है कि भट्ट परिवार के लोग 1 दिन पहले खेत से विधि विधान के साथ मिट्टी लाकर रावण का निर्माण करते हैं। उसी मिट्टी से बने रावण का वध करने के लिए नेमावर का तोमर परिवार ढोल धमाके गाजे-बाजे के साथ खेत में पहुंचते हैं। जहां विधि विधान पूजा अर्चना के बाद तोमर परिवार द्वारा रावण का वध किया जाता है ।तोमर परिवार ठाकुर योगेंद्र सिंह तोमर एवं इंद्रजीत सिंह तोमर का कहना है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जो पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की परंपरा को उनके पूर्वजों ने वर्षों पहले ही शुरू किया था । उसी का निर्वहन आज तक वे लोग करते आ रहे हैं। मिट्टी के रावण दहन के आयोजनों को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिला बच्चे पुरूष खेत पर पहुंचते हैं जहां उनकी सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त व्यवस्था की जाती है।
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