अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट
थांदला । नर्सेस एसोसिएशन - थांदला झाबुआ मध्य प्रदेश शासन व प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से नर्सेस की लंबित मांगों को लेकर समय - समय पर अवगत कराता आ रहा हैं परन्तु आज दिनांक तक नर्स की मांगों पर विचार नहीं किया गया है जबकि कोविङ -19 महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप सबसे ज्यादा काम नर्सों ने ही किया है जिसके लिए अनेक समाजिक संगठनों ने नसेंस का सम्मान भी किया है। इस संदर्भ में प्रदेशाध्यक्ष के आह्वान पर सभी मांग का समर्थन करते हुए स्थानीय नर्सेस ने जिला कलेक्टर के नाम स्थानीय बीएमओ डॉ अनिल राठौर को ज्ञापन सोंपते हुए शासन प्रशासन से उच्च स्तरीय वेतनमान (सेकण्ड ग्रेड) अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सेस को दिया जाए वही पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल की जाए। उन्होंने मांग की है कि कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्वा अवार्ड से सम्मनित किया जाए। 2018 के आदेश भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70 - 80 व 90 प्रतिशत का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानान्तरण की प्रक्रिया शुरू किये जाने की मांग भी रखी। उन्होंने शासन से सरकारी कॉलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा हेतु आयु बंधन हटाने व मेल नर्स को समान अवसर दिये जाने की मांग भी रखी।
30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी - यह रही उपस्थित
नर्सेस एसोसिएशन - थांदला झाबुआ मध्य प्रदेश द्वारा मांगों पर विचार नही किये जाने पर आगामी 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है जिसके लिये शासन प्रशासन की जवाबदेही बनती है। ज्ञापन सोंपतें समय नर्सिंग विभाग प्रमुख सुमन भारती, धर्मिष्ठा परमार, दर्शना त्रिवेदी, लक्ष्मी झनिया, वर्षा कटारा, हेलेना मेड़ा, कल्लू चारेल, कांता, अरुणा, राजेश्वरी, प्रियंका, रश्मि, अलका व सोनल, बम्लेश्वरी आदि मेल फीमेल नर्स उपस्थित थी।
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