अग्रि भारत समाचार से अमित जैन (नेताजी) की रिपोर्ट
झाबुआ। शहर के नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन दक्षिण मुखी महाकालिका माता मंदिर में चैत्र नवरात्रि को लेकर विषेष साज-सज्जा की गई है। मंदिर में प्रतिदिन माताजी का नौ अलग-अलग रूपां में सुंदर श्रृंगार मंदिर के व्यवस्थापक कांतिलाल नानावटी एवं सेवक पं. राजेन्द्रपूरी गोस्वामी कर रहे है। आयोजन कोविड के नियमां के समस्त नियमां का पालन करते हुए नवनीत कला मंडल द्वारा करवाएं जा रहे है।
ज्ञातव्य रहे कि प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि एवं शारदेय नवरात्रि में महाकालिका माता मंदिर में भक्तों की दर्षन के लिए विषेष भीड़ लगती है। इस वर्ष कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण भक्तों से कोविड के नियमों का पालन करवाते हुए प्रवेष द्वार पर सेनेटाईजर की व्यवस्था करने के साथ परिसर में दर्षन के लिए 2 गज दूरी के लिए चूने से गोले बनाए जाने के अतिरिक्त मुख्य मंदिर के अंदर माताजी के दूर से दर्षन हेतु रस्सी भी बांधी गई है। दूर से ही भक्तजन कोविड के समस्त नियमों का पालन करते हुए माताजी के दर्षन एवं पूजन का लाभ ले रहे है। यहां चैत्र. नवरात्रि. में सत्त नौ दिनों तक दर्षन-पूजन का क्रम चलेगा। इस बार कोविड का प्रकोप अधिक होने से आयोजक समिति द्वारा कोई भव्य आयोजन या सामूहिक आयोजन नहीं किया जा रहा है। प्रतिदिन अलसुबह हो रहीं काकड़ आरती चैत्र नवरात्रि में विषेष रूप से प्रतिदिन अल सुबह 5 बजे महाकालिकाजी की काकड़ आरती की जा रहीं है। जिसमें भक्तों की संख्या अधिक देखने को मिल रहीं है। भक्तजन सोषल डिस्टेनसिंग के साथ गोल घेरो में खड़े रहकर माताजी की आरती का लाभ ले रहे है। बाद प्रसादी ग्रहण कर रहे है। यह काकड़ आरती श्री राम नवमी तक चलेगी।
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