मध्य भारत संपादक अली असगर बोहरा मो.न.8962728652
झाबुआ । झाबुआ जिले की मेघनगर तहसील के ग्राम बेडावली की श्रीमती गंगा बारिया पति श्री प्रताप बारिया सबसे पहले घर पर रहकर गृह कार्य करती थी और गृह कार्य के साथ-साथ कभी-कभी खेती का कार्य भी कर लिया करती थी। उस समय खेत से वर्षभर में दस हजार रूपये तक की आय अर्जित कर लेती थी। मध्य प्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जबसे गांव में आई तब से परियोजना के कर्मचारियों द्वारा गांव में महिला स्वयं सहायता समूह बनाने की बैठक रखी गई और महिला स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होने महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया और बचत करना आरम्भ किया। परियोजना से आरएफ राशि 15 हजार रूपये प्राप्त किया गया। उसमे से गंगा ने 10 हजार रूपये ऋण के रूप में सिलाई की गतिविधि करने के लिए प्राप्त किया। इस राशि से सिलाई मिशन खरीद कर सिलाई का कार्य शुरू किया। सिलाई कार्य से उन्होनें 7 हजार रूपये तक मासिक आय अर्जित करने लगी और ऋण राशि की किस्ते चुकाई गई।
इसके पश्चात गंगा ने गांव में 8, 10 स्वयं सहायता समूह गठित किए और ग्राम स्तर पर ग्राम संगठन का गठन किया। उसमें परियोजना से सीआईएफ से 2 लाख रूपये की राशि प्राप्त की उन्होनें ग्राम संगठन से 50 हजार रूपये की राशि का ऋण प्राप्त किया। इस राशि से किराना दुकान प्रारम्भ की। जिससे उन्हें 10 हजार रूपये प्रतिमाह आय हो जाती है। किराना दुकान की आय से ग्राम संगठन से ऋण लिया और उसकी भरपाई की। इसके बाद गंगा ने बैंक से सीसीएल के रूप में प्रथम बार 1 लाख 30 हजार रूपये ऋण के रूप में लिए।उन्होने कृषि में ट्यूबेल पर 60 हजार रूपये खर्च किए। कृषि कार्य में सब्जी कार्य करके ऋण की भरपाई की गंगा ने परियोजना से ऋण प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत किया। अब वे दो लडकियों और एक पुत्र को शिक्षा दिला रही है। जिसमें दो बच्चे प्राईवेट स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वह सिलाई कार्य, किराना दुकान, सब्जी उत्पादन तथा ट्यूबेल का पानी सप्लाई इत्यादि गतिविधि से प्रतिमाह 25 हजार रूपये कमा रही है। उनका पूरा परिवार इन गतिविधियों से खुश हैं। साथ ही परिवार के जीवन स्तर में भी बदलाव आया है। उन्होने इसके लिए आजीविका मिशन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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