Breaking News
Loading...
Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News
अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्दा की रिपोर्ट
The Shramik Janata Sangh pledged to win the workers of Madhya Pradesh, to prevent corporate arbitrariness from farmer-worker unity.
धार । मध्य प्रदेश के श्रमिकों के लिए सतत संघर्षशीलता का प्रतीक बना सेंचुरी यार्न/डेनिम मिल्स के सत्याग्रह स्थल पर आज एक अनोखा कार्यक्रम सफल हुआ। 'श्रमिक जनता संघ' जो आजादी आंदोलन से निकला श्रमिक संगठन है, श्रमिकों के अधिकार के प्रति जागृति फैलाते हुए मध्य प्रदेश के सेंचुरी के साथ-साथ, जहां-जहां अन्याय, अत्याचार है, वहां के श्रमिकों को संबल देते हुए आगे बढ़ रहा है। इन तमाम श्रमिकों ने आज श्रमिक जनता संघ की सर्वसाधारण सभा (GBM) एक हजार महिला पुरुष श्रमिकों की उपस्थिति में आयोजित की और नई कार्यकारिणी में डॉ. संजय मंगला गोपाल, एडवोकेट विजय शर्मा को उपाध्यक्ष, संजय चौहान (सेंचुरी) और सुनील कंद (सफाई मजदूर) को सचिव, जगदीश खैरालिया को महामंत्री एवं मेधा पाटकर जी को अध्यक्ष के पद पर चयन किया गया।

  आज पिथमपुर औद्योगिक क्षेत्र (जिला धार) के प्रतिभा अवटेक और अन्य कंपनियों के श्रमिक, मराल इंडस्ट्री के श्रमिक भी इस सभा में सम्मिलित हुए। सभा में किसानों के तथा श्रमिकों के राष्ट्रीय आंदोलन, जो कि संविधान विरोधी कानून थोपने और निरस्त करने के खिलाफ है, कॉर्पोरेटीकरण को चुनौती दे रहे हैं, उनका समर्थन घोषित किया; उनमें सहभागिता भी घोषित की। संगठित और असंगठित श्रमिकों का हर अधिकार अधोरेखित करते हुए सेंचुरी मिल्स जैसी औद्योगिक इकाइयों को मनमानी से बंद न करने देने का, केवल चंद राशि नहीं, मिल्स श्रमिक संगठन से चलाने की बात संकल्प के रूप में जाहिर किया गया। सर्वसाधारण सभा के बाद आयोजित आम जनसभा में मानो श्रमिक संसद प्रस्तुत हुई। इसमें ग्वालियर से आये सुनील गोपाल जी ने 2014 में मात्र 31% वोट पाकर सत्ता में आये मोदी जी और उनकी सरकार को प्रखर चुनौती देने वाला वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि एक सांड को मानो घेर के बैठे हैं किसान। कोरोना के नाम पर खत्म किये जा रहे जनतंत्र ही नहीं, श्रम कानूनों की बात उठायी। कई यूनियंस की, JC मिल्स को लेकर अनुभव में आयी, मालिक-नेताओं के बीच समझौते की हकीकत बतायी। उन्होंने सेंचुरी मिल्स के ऐतिहासिक आंदोलन को 'एक मिसाल' बताकर सलाम किया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की ताकत से आगे बढ़ने वाले संगठन को 'आत्मविश्वास' से ही आप सफल बना सकते हैं, ईमानदार नेतृत्व से ही पूंजीपति कंपनियों को झुका सकते हैं। समाजवादी समागम के वरिष्ठ साथी रामस्वरूप मंत्री जी ने कहा कि सेंचुरी आंदोलन ने 1208 दिनों के सत्याग्रह से इतिहास रचा है और यूनियंस का तथा समाज का भी प्रबोधन किया है। उन्होंने सेंचुरी के श्रमिकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पिछले 3 साल से ज्यादा समय से चल रहा यह आंदोलन देश के श्रमिक आंदोलन को निश्चित ही एक दिशा देगा। यहां से उठी आवाज किसानों मजदूरों की लड़ाई को मंजिल तक पहुंचाएगा। देश और प्रदेश की सरकार भले ही पूंजीपति की चाकरी में जुटी रहे लेकिन अंततः जीत मजदूरों की ही होगी। पीथमपुर क्षेत्र के एक जुझारू श्रमिक नेता धर्मपाल अधिकारी जी ने कहां कि एक समय था कि कंपनियां स्थायी रोजगार देती थी, लेकिन आज यह परंपरा खत्म हुई। बेरोजगारी, छटनी की बात धतकियों से शुरू होती है। कंपनियों की ऐसी मनमानी के खिलाफ, अवटेक कंपनी के 217 श्रमिकों की छटनी के खिलाफ शुरू हुई लड़त! कानूनी त्रुटियां निकालकर संघर्ष से कुछ सफलता मिली फिर भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हमें पता चला कि शासन-कंपनी का गठबंधन ही इसके पीछे है। आज भी ऐसी गठजोड़ की ताकत की खिलाफत जारी है। श्रमिक संगठन जनतंत्र विरोधी कंपनीतंत्र से छीने जा रहे अधिकार, किसान- मजदूर एकता से ही जीतेंगे। सेंचुरी के श्रमिकों की प्रेरणा को सलाम किया। श्रमिक जनता संघ के जगदीश खैरलिया ने म.प्र. के श्रमिक एकता को बल-संबल देने का वायदा किया और कहा कि आज नही, तो कभी नही! उन्होंने मुम्बई के महानगरपालिका के मजदूरों ने संघर्ष से हासिल किये लाभों की जानकारी देकर विश्वास व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश में भी चार संहिता नही, 44 श्रमिक पक्षी कानूनों के बारे में चल रहा संघर्ष जीतेगा जरूर। युवा कार्यकर्ता, खुदाई खिदमतगार के कृपाल भाई ने पुलिस प्रशासन की मनमानी, सर्वोच्च अदालत की सिफारिशों के उल्लंघन की बात रखते हुए उज्जैन, मंदसौर में घटी साम्प्रदायिक दंगो की घटना में पुलिस की चुप्पी का धिक्कार किया। सेंचुरी और अन्य श्रमिकों को चेताया कि वे अहिंसक रहकर पुलिस की हो या साम्प्रदायिक गुंडो की हिंसा का खत्म करने की शपथ ले।

 प्रदीप भाई, गुना और दिनेश कुशवाह, किसान संघर्ष समिति ने भी संबोधित किया। अधिवक्ता विजय शर्मा ने म. प्र. शासन को चेतावनी दी कि आपके श्रमायुक्त और श्रम मंत्रालय से सही हस्तक्षेप नही हुआ तो हमारे श्रमिक एक जुटता से देशभर के समर्थकों को साथ लेकर अहिंसक सत्याग्रह और तेज करेंगे।
ज्योति भदाने ने महिलाओं के योगदान से ही आंदोलन बढ़ता है और बढ़ेगा यह विश्वास व्यक्त किया।
 अधिवक्ता विजय शर्मा, नये चुने उपाध्यक्ष ने अपनी पूरी ताकत, अधिवक्ता की कुशलता और श्रमिक संगठन की एकजुटता आगे बढ़ाने का संकल्प वक्तव्य किया।
 मेधा पाटकर जी ने बिरला परिवार को याद दिलायी कि कभी वे भी थे आजादी आंदोलन के साथ! आज बिरला समूह बिलियन्स ऑफ डॉलर्स के धनी होते हुए, मुनाफाखोरी बढ़ाने के लिए कपड़ामिलो का, रोजगार की बलि देकर सीमेंट और कैपिटल की ओर बढ़ रहे है। आज भी अगर वे जान ले कि श्रमिकों को उनसे अपेक्षा है तो शायद संवेदना से संवाद को आगे बढायेंगे। अगर नही तो हम श्रमिकों की आज की बदतर हालात के पीछे छुपी कॉर्पोरेट मनमानी को वैसे ही चुनौती देंगे, जैसे दी है किसानों ने।
जनसभा के बाद श्रमिकों ने प्रमोद नामदेव, कृपाल भाई, रवि अन्जाने, सविता पटेल और सभी युवाओं के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकालकर किसान आंदोलन के और भारत की सीमा पर शहीद हुए किसानों-जवानों को श्रध्दांजलि दी!
बच्चों - महिलाओं ने भी जोरशोर से सहभाग लिया। पूरे कार्यक्रम में नवीन मिश्रा और सेंचुरी के बच्चों के गीतों ने प्रेरणा भी दी और किसानों पर आंसू भी बहाये।

Post a Comment

Previous Post Next Post