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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से एड. ललित बंधवार की रिपोर्ट

Hundreds of children washed the feet of parents, performed aarti by worshiping in the saint ashram.

रानापुर । आज माता-पिता का अनादर करने वालों में पढ़े-लिखे और संपन्न लोग ज्यादा है। जितने भी वृद्वाश्रम भरे पढ़े है वो ऐसे ही लोगों के माता-पिताओं से भरे हुए है। आपको मिला जीवन, जन्म शिक्षा और संस्कार आपके माता पिता की ही देन है। इनका अनादर मत करो। मां ने आपको जन्म दिया ये घटना नहीं है, ये मां की साधना है। अगर मां आपको पेट से परलोक पहुंचा देती या जन्म के बाद किसी कचरा स्थल पर फेंक आती तो आज आप किसी तरह के अनादर को अंजाम देने के लायक भी नहीं रहते। इसलिए भगवान राम की तरह माता-पिता की आज्ञा का पालन करों और कंश बनने का प्रयास मत करो, ऐसा करने से जीवन व्यर्थ हो जाएगा।


यह बात रविवार को संतश्री आश्रम में मनाए गए मातृ-पितृ महोत्सव के अन्तर्गत उपस्थित सैकड़ों की संख्या में धर्मालुओं को संबोधित करते हुए श्री रामा महाराज ने गुरुभक्तों को चार बातों के रुप में कृपा, कृत्यघ्यता, कर्ज और फर्ज के सूत्र समझाते हुए कही।

मातृ-पितृ वंदन में गुरुभक्त हुए भाव विभोर

काली नदी रोड़ स्थिति संतश्री आश्रम में आयोजित 

एक दिवसीय गीता भागवत सत्संग के दौरान रविवार का दिन उस समय यादगार पल बन गया। जब सैकड़ों माता-पिताओं का पूजन पूरे विधि-विधान से उनका परिवार कर रहा था। श्री रामा महाराज

सानिध्य में ग्रामीणों व नगर के परिवारों ने किया, मातृ-पितृ वंदन तो पांडाल में मौजूद गुरुभक्त भाव विभोर हो गए। आदिवासी संस्कृति के रुप में समूचे देश में पहचान रखने वाले झाबुआ जिले राणापुर में रिश्तों में घुलती मिठास देख पांडाल में मौजूद गुरुभक्त भाव विभोर नजर आ रहे थे।


ये तो सच है कि भगवान है...

योग वेदांत सेवा समिति के तत्वावधान में स्थिति संतश्री आशाराम बापू आश्रम में आयोजित मातृ-पितृ वंदन महोत्सव की शुरुवात  मंगलगीत ओ माता-पिता तुम्हे वंदन...ये तो सच है कि भगवान है...धरती पर रूप मां-बाप का उस विधाता की पहचान है...के साथ हुई। इसके पश्चात कुछ  योग वेदांत सेवा समिति व समाजसेवियों  व राजनेता ने महोत्सव की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए माता-पिता के महत्व समझाए। इस मौक आदिवासी ग्रामीण व नगर के परिवार ने माता-पिता का वंदन पूरे विधि विधान से किया। माता-पिता पूजन के दौरान कई परिवारों के सदस्यों व बच्चों को भाव विभोर होते हुए देखा गया। लोकप्रिय होगे तो ही परिवार सलामत रहेगा


इस पावन अवसर ,श्री रामा जी महाराज बंधु-बेलड़ी ने उद्गार प्रकट किए है कि भारतीय संस्कृति में माता-पिता का विशेष महत्व है। मगर पाश्चात्य संस्कृति की हवा के कारण हमारी संस्कृति पर आक्रमण हो रहा है जिसका असर रिश्तों पर भी पड़ा है। अगर समय रहते ऐसे आक्रमणों को मिटाया नहीं गया तो परीणाम गंभीर हो सकते है। हमें धर्मप्रिय के साथ लोकप्रिय भी बनना होगा, क्योंकि लोकप्रिय होगे तो ही परिवार सलामत रहेगा। मतदान से देश चलता है और मनदान से परिवार बनता है। आपने परिवार की सलामती के लिए अनादर, आलस्य, अनाचार और अभिमान को त्यागने के सूत्र गुरुभक्तों को समझाए है। धर्म की शुरुवात परिवार से होती है। इसलिए परिवार की एकजुटता और परिवार के हर एक सदस्य के सम्मान की शुरुवात आज से ही करना शुरु कर दो। आगामी 14 फरवरी वेलेंटाइन-डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की अपील की।युवा सेवा संघ ने रामा महाराज को तीर-कमान व साफा बांधकर भेंटकर सम्मानित किया। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल व सांसद गुमानसिंह डामोर, भाजपा जिलाध्यक्ष लक्षण नायक, नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता गोविंद अजनार, राणापुर तीनों मंडल अध्यक्ष ने महाराजजी का पुष्प मालाओं से श्रीफल व शाल भेंटकर स्वागत किया। महाराज ने बताया कि आज 


कोविड 19 के कारण यह आयोजन देश भर में डेढ़ माह पूर्व ही प्रारंभ कर दिए गए, ताकि अनावश्यक भीड़ ना बढ़े। मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री, नितिन गडकरी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बधाई आदेश जारी किए हैं। राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री पूर्व में ही आदेश जारी कर चुके हैं। समिति के पदाधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ को भी प्रार्थना पत्र प्रेषित किया है। युवा सेवा समिति के गांव-गांव, वार्ड-वार्ड जाकर कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक लगभग 1 लाख 79 हजार लोग जिले में कार्यक्रम से लाभांवित हुए। मुख्य कार्यक्रम 14 फरवरी को संपन्ना होगा। 


इस प्रकार के आयोजन देश के 650 जिला केंद्रों में 2500 समितियां रोजाना सेवा कर रही है। इस मोखे पर रामेश्वर नायक ,गुलाबसिंह अमलयार पिजुलाल मेड़ा, वरिष्ठ छंगनलाल प्रजापत,मुकेश परमार ,मुकेश मेड़ा ,दिवान भूरिया,मदन वसुनिया,जितेंद्र मिनामा,आयोजन समिति ।

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