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अग्रि भारत समाचार से लेखिका - गरिमा सिंह 

Applying oil to the navel gives extraordinary benefits.

अजमेर ।  बचपन से ही नाभि पर साधारण देसी घी/सरसों तेल/ हींग या लौंग वाला देसी घी लगाते हमने देखा है। हमारे यहां इसका इस्तेमाल पीढ़ियों से चला आ रहा है और यह बेहद असरदार साबित होता रहा है।

 

नाभि का महत्व:-

जब हम कुंडलिनी, नाड़ी तंत्र और क्लासिकल हट योग की बात करते हैं तब आपकी नाभि को ऊर्जा के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखा जाता है।

नाभि को प्राण की उत्पत्ति या बीज के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को सारे पोषक तत्व नाभि (umbilical cord) से ही प्राप्त होते हैं।

कुंडलिनी के संदर्भ में नाभि के स्थान को *मणिपुर चक्र* (एनर्जी चैनल) के रूप में देखा जाता है इसे सोलर पलक्स …जो शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है… शरीर में वात पित्त और कफ जैसे दोषों को सुचारू रूप से संचालित करने में सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है।

हमारे शरीर में अपानवायु और प्राणवायु को लेकर जा रही लगभग 72,000 नाड़ियों का समन्वय यहां होता है जो आपके शरीर के विभिन्न प्रकार की ऊर्जा केंद्रों से जुड़ी होती है।




लाभ:-

नाभि मुख्यतया पैंक्रियास और एड्रिनल ग्लैंड से जुड़ा होता है और यह दोनों ही हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण हारमोंस को बनाने वाले ग्लैंड हैं यदि हम नाभि पर तेल लगाते हैं तो इनका असर सीधा-सीधा इन दोनों पर पड़ता है जो इनकी कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है।

हमारे शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन, शरीर में बन रहे खतरनाक टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालने में,

रूखी, बेजान त्वचा को पोषित और चमकदार बनाने के लिए,

जिन लोगों को डाइजेस्टिव सिस्टम संबंधी रोग होते हैं जैसे खाने का समय पर ना पचना या गैस, बदहजमी, मंद जठराग्नि होना आदि में लाभदायक होता है।

इसके अलावा नाभि पर तेल लगाने से पीरियड के समय होने वाले दर्द में भी राहत मिलता है,

नाभि में तेल लगाने से पुराने से पुराना सर दर्द,

असमय बालों का सफेद होना, स्मरण शक्ति के लिए,

किडनी या लिवर सम्बंधी रोग,

आंखों की रोशनी के लिए,

महिलाओं में प्रजनन के संबंधित परेशानियां,

लोग स्ट्रेस के लिए भी नेवल ऑयल थेरेपी को प्राथमिकता दे रहे हैं।


तेल या लेप:-

नाभि पर विभिन्न प्रकार के तेलों या विभिन्न प्रकार के पदार्थों के लेप का प्रावधान है।

सरसों का तेल- जठराग्नि के लिए, 

नीम का तेल -ऐक्ने के लिए,  

देसी घी- एलर्जी, नजला-जुकाम, चक्रों की शुद्धि के लिए, त्वचा को जवान बनाएं रखने के लिए, 

 तिल का तेल -शरीर में दर्द में राहत के लिए, 

एरण्ड का तेल -बालो सम्बंध रोगों के लिए, 

बादाम का तेल-आखों के लिए, नारियल का तेल- डेंड्रफ के लिए ।

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