अग्रि भारत समाचार बुरहानपुर
बुरहानपुर । मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) की पहल पर ‘‘केला पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग की संभावना एवं कार्ययोजना‘‘ विषय पर बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर प्रवीण सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैलाश वानखेड़े, सहायक संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल डॉ. पूजा सिंह, बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप भारत सरकार के प्रोजेक्ट लीडर पवन जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.अजीत सिंह, कृषि उप संचालक एम.एस.देवके, उद्यानिकी उपसंचालक आर.एन.एस.तोमर एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा कृषकगण उपस्थित रहे।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि भारत सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड अंतर्गत बीसीजी ग्रुप को नियुक्त किया गया है। जो अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेंगी। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के उज्जैन, आगर, रतलाम, बुरहानपुर और खरगोन जिले का चयन किया गया है। बुरहानपुर जिले का ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ अंतर्गत केला का चयन किया गया।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि कंपनी और किसानों के बीच चर्चा हेतु विशेष रूप से बैठक आयोजित की गई। क्योंकि कंपनी के अधिकारियों के साथ किसान भाई सही रूप से इस सर्वे में जमीनी स्तर पर कार्ययोजना बना सकते है। श्रीमती चिटनिस द्वारा बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप को अवगत कराया गया कि केला किसानों को अधिक से अधिक फायदा दिलाने हेतु केला फसल के बाजार एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में अधिक से अधिक प्लान तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराए।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिला केला उत्पादन के लिए जाना जाता है। वहीं केले के तनो, फल, अनुपयोगी मटेरियल के द्वारा भी तरह-तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे है। केला उत्पादन एवं उसके रेशों से तैयार किए जा रहे वस्तुएँ जैसें-चटाई, टोकरी, घरेलू सजावटी वस्तुएँ को जानने के उद्देश्य से आज परिचर्चा आयोजित की गई।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि केला फसल के संबंध में केला से बने उत्पाद केला चिप्स, पाउडर एवं केला कटाई के उपरांत शेष केले के तने से बनाना फाईबर, बनाना फलुड, केण्डी की छोटी-छोटी यूनिट निर्माण कर अधिक लाभ कमा सकते है। इसके साथ गामा रेडीयेशन के उपयोग से केले की सेल्फ लाईफ 6 से 7 दिन बढ़ाई जा सकती हैं, जिससे की केला एक्सपोर्ट की संभावनाएं जिले में अधिक विकसित हो सकें। इसके साथ-साथ प्रायमरी एवं सेकेण्डरी प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से भी केला फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस की मांग पर घोषणा की थी कि ‘‘एक जिला एक उत्पाद योजना‘‘ के तहत बुरहानपुर में केला एक्सपोर्ट क्लस्टर बनाया जाएगा। बुरहानपुर के केले को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी।
डॉ. पूजा सिंह द्वारा सभागृह में आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत संचालित योजनाएं एग्रीकल्चर इन्फ्राइस्ट्रक्चर फण्ड एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के अंतर्गत रायपेनिंग चैम्बर, कोल्ड रूम, रैफर वैन एवं अन्य प्रायमरी प्रोसेसिंग यूनिट एवं सेकेण्ड्ररी प्रोसेसिंग यूनिट के संबंध में शासन की ओर से दिए जाने वाले अनुदान 35 प्रतिशत एवं 3 प्रतिशत ब्याज पर छूट के संबंध जानकारी दी। इसके साथ श्री पवन बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप के माध्यम से ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ के अंतर्गत चयनित केला फसल की मार्केटिंग एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया गया।
कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप को यह बताया गया कि बुरहानपुर जिले में केले के बाजार की ऐसी व्यवस्था होना चाहिए की किसानों के केला फसल का विक्रय पूर्ण भारत एवं विदेशों में मार्केट लिंकेज तैयार किया जाए, जिससे की केला उत्पादक किसानों को उनकी फसल का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त हो सकें। केला फसल की सेल्फ लाईफ बढाने हेतु गामा रेडीयेशन टेक्नॉलॉजी की छोटी-छोटी यूनिट के प्लान तैयार किए जाए। जिले में स्थित व्यापारियों द्वारा केला फसल की मार्केटिंग हेतु पूंजी लगाकर मार्केट तैयार किया जाए।
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