अग्रि भारत समाचार से रशीदा पीठावाला की रिपोर्ट
इंदौर । राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी कर इस वर्ष भी हाईस्कूल/हा.से. बोर्ड परीक्षाओं में 40% या इससे कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूली शिक्षकों की परीक्षा लेने के आदेश विभाग को दिए हैं। इस पर मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन ने राज्य शासन से आग्रह करते हुए कहा कि शिक्षकों की परीक्षा लेने की जगह उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से दक्ष किया जाए । संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री दिनेश परमार ने बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल ने 14 दिसम्बर को एक आदेश जारी करते हुए कक्षा 10 वी एवं 12 वी की बोर्ड परीक्षाओं में 40 प्रतिशत या उससे कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की 27 एवं 28 दिसम्बर को परीक्षा आयोजित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए है । श्री परमार ने बताया कि पूर्व वर्षों में परीक्षा के अनुभव ठीक नहीं रहे है,16 शिक्षकों को बर्खास्ती का दंभ झेलना पड़ा और इसी दौरान 02 शिक्षक इस सदमे से कालकवलित हो गए थे ।
श्री परमार ने बताया कि बेहतर परीक्षा परिणाम देना एक शिक्षक का कर्तव्य भी है और जिम्मेदारी भी। परन्तु हर परिस्तिथि में मात्र शिक्षकों को ही दोषी मानकर उन पर कार्रवाई करना उचित नहीं है।परीक्षा परिणाम कम होने के अनेको कारण होते है उन पर भी विचार किया जाना चाहिए। कम परीक्षा परिणाम आने वाली शालाओं के शिक्षकों की परीक्षा के बजाय उन्हें विषय विशेषज्ञों के माध्यम से दक्ष करना भी एक बेहतर विकल्प है।
वहीं कम परिणाम आने के कारणों का विस्तार से समीक्षा कर उनका स्थायी रूप से समाधान किया जाना चाहिए ।मात्र शिक्षकों को भयभीत कर उनके ऊपर कार्रवाई करना उचित समाधान नहीं है।श्री परमार ने शासन से मांग की है कि शिक्षकों की परीक्षा न लेते हुए प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें दक्ष किया जाए।
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