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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

अग्रि भारत समाचार से कादर शेख की रिपोर्ट

Continuing worship in the guise of promoter Shree Jineendramuniji

थांदला । जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्रीउमेशमुनिजी "अणु" के प्रथम शिष्य धर्मदास सम्प्रदाय के प्रवर्तक पूज्य श्रीजिनेंद्रमुनिजी आदि ठाणा - 4 एवं पूज्या श्रीनिखिलशीलाजी आदि ठाणा - 4 के सानिध्य में जिन शासन में ज्ञान दर्शन चरित्र तप की आराधना चल रही है। सभी श्रावक श्राविका वर्ग गुरुदेव द्वारा विवेचित समकित छप्पनी को समझकर उसकी गाथा याद कर रहे है वही भगवान की अंतिम देशना उत्तराध्ययन का मूल एवं विवेचन भी चल रहा है। दीपावली पर तेले व बेले तप की आराधना के साथ हर घर से एक आयम्बिल की लड़ी में निरन्तर 4 घर से आयम्बिल भी हो रहे है। आज धन तेरस पर श्रमण संघ के महानायक तृतीय पट्टधर आचार्य प्रवर देवेंद्रमुनिजी, थांदला गौरव तत्वज्ञ पूज्य श्रीधर्मेन्द्रमुनिजी एवं पुण्य पुंज गुराणी पूज्य श्रीपुण्यशीलाजी का जन्मोत्सव होने से धर्मसभा में उनके गुणों का स्मरण किया गया। पूज्य श्री गिरिशमुनिजी ने धन तेरस पर धन की निरर्थकता व धर्म की सार्थकता बताते हुए कहा कि जो धर्म की धुरा को आत्मसात करते है वे धन वैभव व इन्द्रिय सुखों त्याग कर भिक्षु होकर अपने का अर्थ सिद्ध कर लेते है। महापुरुषों का जन्मोत्सव भी हर व्यक्ति को प्रेरणा देने के लिए होता है। मानव को मानव जीवन की सार्थकता समझकर उसे आत्म कल्याण में लगाना चाहिए। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव ने महामोहनीय कर्म बंध के बोलो पर व्याख्यान फरमाते हुए उनसे  आत्मा की दुर्गति को बचाने के उपाय भी बताए। पूज्य गुरुदेव द्वारा निरन्तर पुरुषार्थ करते हुए थांदला के लगभग हर जैन परिवार में आजीवन एवं मर्यादारूप व्यसन के त्याग करवाते हुए वायदा बाजार, रात्रि भोजन, जमीकंद त्याग के प्रत्याख्यान करवाये वही नीत सामयिक आराधना के नियम भी दे रहे है। 


जानकारी देते हुए थांदला श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, मंत्री प्रदीप गादिया व प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से उज्जैन श्रीसंघ के आग्रह पर प्रवर्तक श्री का भव्य चातुर्मास लाभ थांदला को मिला था, लेकिन लॉक डाउन एवं शासन के नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रवर्तक श्री के निश्रा में होने वाली धर्म आराधना उनकी प्रेरणा से सभी अपने घरों में ही कर रहे थे, लेकिन विगत कुछ समय से मिली छूट में प्रवर्तकश्री के मुखारविंद से जिनवाणी की गंगा निरन्तर बह रही है। वही प्रतिदिन बाहर से श्रद्धालु भी दर्शनार्थ पधार रहे है व पूज्यश्री से शेष काल मे स्पर्शन की विनंती भी कर रहे है। इसी श्रंखला में उज्जैन श्रीसंघ से  महेंद्र सेठिया, अनिल भटेवरा, अजय जैन, प्रकाशचन्द्र गोखरू, मानमल दुग्गड़ आदि प्रतिनिधि मंडल भी गुरुदेव के दर्शनार्थ पधारें व शेषकाल में गुरुदेव से क्षेत्र स्पर्शना की विनंती करते हुए आगामी चातुर्मास के भाव भी प्रस्तुत किये। गुरुदेव ने भी द्रव्य क्षेत्र काल की मर्यादा अनुसार उन्हें मांगलिक श्रवण करवाई।



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