अग्री भारत समाचार से अली असगर बोहरा मो.न.8962728652
भोपाल । नवीन शाला खोलने में उन्हीं रजिस्टर्ड सोसाइटी को प्राइवेट स्कूल खोलने की मान्यता मिलेगी जिनके पास एक एकड़ जमीन होगी। इससे कम जमीन होने पर मान्यता नहीं दी जाएगी। जो स्कूल नियम 2015 या उसके पहले से संचालित हैं, उन्हें जमीन व भवन से संबंधित नियमों में एक साल तक की छूट दी जाएगी। ऐसे में सत्र 2018-19 तक एक एकड़ जमीन की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में एक एकड़ से कम जमीन वाले सभी स्कूल होंगे बन्द।
कई स्कूल ऐसे हैं जो शहर के बीचों-बीच हैं, ऐसे में या तो स्कूल शिफ्ट करना होगा, या फिर बंद करना ही एकमात्र विकल्प बचेगा। इसके साथ ही स्कूलों को अब एक संगीत शिक्षक, खेल शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक और एक कार्यालय सहायक के साथ ही एक सलाहकार रखना जरूरी होगा, जो मनोविज्ञान विषय में स्नातक हो या जिसके पास काउंसिलिंग में डिप्लोमा का सर्टिफिकेट हो। इन मापदंडों को पूरा करने पर ही प्राइवेट स्कूलों को आगामी सत्रों में मान्यता प्रदान की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 लागू कर दिया है। इस नियम के दायरे में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत आने वाले सभी प्राइवेट स्कूल आएंगे। अभी तक लागू नियम में प्राइवेट स्कूलों के पास कक्षा 12 वीं की मान्यता के लिए 5600 वर्ग फीट और कक्षा 10वीं की मान्यता के लिए 4000 वर्ग फीट तक जमीन होना जरूरी था। लेकिन इस बार सरकार ने जमीन की अनिवार्यता में संशोधन किया है। इसके पीछे स्कूलों की गुणवत्ता को मुख्य आधार बताया जा रहा है। दरअसल शासन की मंशा है कि प्रदेश में भले ही कम स्कूल खुलें, लेकिन जो भी खुलें वो अच्छे हों।
एक साल की मिलेगी छूट
नए नियमों के तहत अब वे ही सोसायटी स्कूलों की मान्यता के लिए आवेदन करेंगी, जिनके पास पर्याप्त जमीन व राशि होगी। हालांकि एेसे स्कूल जिन्हें 2015 के नियमों के तहत मान्यता मिली है और जो इससे पहले से संचालित हैं उन्हें जमीन व भवन से संबंधित नियमों में एक साल तक की छूट दी जाएगी। छात्रों में बढ़ती खुदकुशी की घटनाओं को रोकने के लिए शासन ने प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों में एक सलाहकार की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है।
नई गाइडलाइन पर ही मिलेगी मान्यता
यह जो नियम आए हैं वे सिर्फ हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए हैं। फिलहाल इन्हें जमीन व भवन से संबंधित नियमों में एक साल तक की छूट दी गई है। नई मान्यता के समय इन पर पूरा अमल होगा। सत्र 2018-19 से पुराने स्कूल भी इसके दायरे में आ जाएंगे..
आरएन शुक्ला, संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग।
Post a Comment