अग्रि भारत समाचार से ब्यूरो चीफ भगवान मुजाल्दा की रिपोर्ट
धार । बटेर पालन का व्यवसाय मूर्गी पालन से मिलता जुलता है। लेकिन मूर्गी पालन से कम खर्च वाला और ज्यादा मुनाफा देनेवाला है।
मुर्गी पालन के अपेक्षा बटेर पालन में कम इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती है। बटेर का साइज भी काफी छोटा होता है सो जगह भी कम ही चाहिए । इसके मांस और अंडे में मौजूद पोषक तत्व मुर्गी के अपेक्षा बहुत बेहतर है अतः इसका प्राइस भी ज्यादा होता है। मुर्गी फार्म से हमेशा दुर्गंध आते रहता है जबकि बटेर पालन में ऐसी कोई समस्या नहीं होती । आप घर के आस-पास भी इसका फार्म कर सकते हैं। कुल मिलाकर देखे तो मुर्गी पालन से फायदे का सौदा है।
बटेर भोजन के रुप में प्राचिन काल से प्रचलित है। अपने स्वादिष्ट मांस और पौष्टिकता के मामले में बटेर मांसाहारी लोगों की पहली पसंद है। बटेर 5 हफ्ते में परिपक्व हो जाते है और बाजार में आसानी से बेचे जा सकता है। बटेर में रोग या बीमारी न के बराबर होती है। जिसकी वजह से बटेर पालनेवालों को इसका फायदा मिलता है। बटेर को कोई टीका या दवा देने की जरुरत नही है जिससे पालनेवालों के पैसे बचते है।
बटेर को बाजार में बेचने की उम्र लगभग पांच सप्ताह की होती है साथ ही जितने क्षेत्र में एक मुर्गी-मुर्गे को रखा जाताहै उतने ही क्षेत्र में 8-10 बटेर को पाला जा सकता है। एक बटेर लगभग दो से ढाई किलो दाना खाकर 300 ग्राम मांस देता है जो कि स्वादिष्ट होताहै। साथ ही इसका मांस मुर्गे की अपेक्षा महंगा भी बिकताहै। एक बटेर छह-सात सप्ताह में अंडे देने शुरू कर देतीहै। बटेर के अंडे का वजन उसके वजन का आठ प्रतिशत होता है जबकी मुर्गी का अंडा उसके वजन का तीन प्रतिशत ही होता है। बटेर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण इसमें बीमारियों का प्रकोप न के बराबर होताहै। फिर भी समय-समय पर चिकित्सक की सलाह के साथ बटेर पालन घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है।
हेचरी में 35 से 40 दिनों में बटेर खाने लायक हो जाता है। एक अंडा पांच से दस रुपए में बिकता है। बटेर तीन-चार सौ ग्राम का हो जाता है तो 120 रुपए जोड़ा बिकता है। प्रति बटेर 15 से 20 रुपए बचत होती है। एक मादा बटेर साल में 250 तक अंडे देती है।
मांस के फायदे :-
अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन की अपनी उच्च सामग्री के कारण, बटेर का मांस उन सभी लोगों के लिए एक आदर्श भोजन है, जो अपनी मांसपेशियों को विकसित करना चाहते हैं ।
यह बच्चों के लिए भी एक आदर्श भोजन है । इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी कम होती है जिसे कारण बहुत सारे लोग इसे पसंद करते हैं।
सोडियम की कम मात्रा के कारण, उच्च रक्तचाप वाले लोगों में इसकी खपत की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा, विटामिन बी 6 में समृद्ध होने के लिए यह अवसाद, अस्थमा और मधुमेह वाले लोगों में एक अनुशंसित भोजन है।
तस्वीर में जो मेरें बगल में किसान भाई हैं उनका नाम राजदेव राय हैं। बिहार में बटेर पालन के व्यवसाय को फ़ैलाने में इनका अच्छा खासा योगदान रहा हैं।
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