अग्रि भारत समाचार भोपाल✍️
भोपाल । जिले के माननीय प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री हीरालाल अलावा के न्यायालय में आरोपी सगीरउद्दीन द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीमती हेमलता कुशवाह ने बताया कि आरोपी सगीरउद्दीन ने उमर बेग, शाहिमा रईस एवं आमिर सिद्धिकी के साथ साठ-गांठ कर कूटरचित दस्तावेज बनवाकर शासकीय मकान का विक्रय किया गया है, विवादित मकान शासकीय भूमि पर बना है, जिसे विक्रय करने का अधिकार आरोपी को नहीं है। प्रकरण विवेचनाधीन है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर उसे जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्रीमती हेमलता कुशवाह ने बताया कि फरियादिया श्रीमती रईसा बी पति स्व. नसीरउद्दीन द्वारा रिपोर्ट लेख कराई गई कि मेरे पति की मृत्यु हो चुकी है, एवं उनके स्वत्व स्वामित्व एवं अधिपत्य का एक मकान म. नं. 95 मुफ्ती नाले के पीछे तहसील हुजूर जिला भोपाल में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 930 वर्गफीट है। जिस पर अब फरियादिया का अधिकार है एवं उसने अपनी वसीयत किसी भी पुत्र के नाम नहीं की है। फरियादिया एक अस्वस्थ वृद्ध महिला है, जो अपनी बेटी के साथ रहती है। फरियादिया के बेटे सगीरउद्दीन एवं पोते अमानुद्दीन के द्वारा फरियादिया के स्वामित्व के मकान के कूटरचित दस्तावेज बनाए गए है। जिसकी जानकारी फरियादिया के पोते अमानउद्दीन के द्वारा दी गई कि उसे पैसो की जरूरत है ।
वह बाम्बे जाकर बिजनेस करना चाहता है, इसलिए उक्त मकान बेचना चाहता है, मकान खाली कर दो, वरना वह मकान का सामान बाहर निकाल कर फेंक देगा। फरियादिया के पुत्र एवं पोते का कहना है कि उन्होने मकान के कागजात बनवा लिये है, उन्होने मकान को 1975 में खरीद लिया है एवं 50000 रूपये की राशि प्राप्त करके मकान बेचने का बयाना भी ले लिया है।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना टीलाजमालपुरा के अपराध क्रमांक 368/2020 धारा 420, 448, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया।
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