पूर्व में जांच अधिकारियों के समक्ष दिखाई थी अनियमितताएं परंतु ठेकेदार को हरबार मिलती रही क्लीन चिट ।
अग्री भारत सामाचार से अमन वर्मा की रिपोर्ट।
मंडलेश्वर । नगर परिषद मंडलेश्वर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर संजीदा नहीं हे नगर परिषद द्वारा नर्मदा तट पर बनाया जा रहा घाट सी एम ओ ,अध्यक्ष और उपयंत्री की अनदेखी के कारण भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा है। नर्मदा घाट का निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही की जा रही हे यह घाट शुरू से घटिया निर्माण को लेकर चर्चा में बना हुआ हे इस संबंध में कई शिकायतें हुई जांच भी हुई जिसमे जांच अधिकारियों के समक्ष घटिया निर्माण को दिखाया भी गया था परंतु ठेकेदार और नगर परिषद मंडलेश्वर के जवाबदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और ठेकेदार द्वारा अपनी मनमाने तरीके से निर्माण कार्य जारी रखा गया इस संबंध में पूर्व में भी कई समाचार प्रकाशित हुए परंतु न तो शासन और नहीं प्रशासन की नींद खुली क्योंकि जिले या प्रदेश के आला अधिकारी जब भी प्रवास पर आते तो नगर परिषद के कर्ताधर्ता उनके द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का गुणगान बड़ी शान से करते हे खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल भी कल महेश्वर तहसील के प्रवास के दौरान नगर परिषद मंडलेश्वर के कार्यालय में अल्प समय के लिए पहुंची थी उनके समक्ष भी गुणगान किया गया परंतु हकीकत कुछ और ही नगर परिषद द्वारा किए गए प्रत्येक कार्यों चाहे वो सड़के हो घाट हो या फिर कोई और कार्य सभी की गुणवत्ता पर हर बार प्रश्न खड़े किए गए थे
नर्मदा घाट निर्माण में हे कई अनियमितताएं ।
नगर परिषद मंडलेश्वर द्वारा जिस नर्मदा घाट का निर्माण किया जा रहा हे उसमें कई अनियमितताएं हे जैसे कि घाट निर्माण के शुरू से लेकर अभी तक इसमें जितनी भी कांक्रीट डाली गई हे उसकी गुणवत्ता को लेकर हर बार प्रश्न चिन्ह लगा हे क्योंकि कांक्रीट जिस फ्लोरी में बनाया जाता हे उसमें वजन करने वाली मशीन नहीं लगी रहती हे जिससे इस बात की जानकारी हो सके कि एक एमक्यूब कांक्रीट में कितनी रेत ,गिट्टी ,सीमेंट और पानी डाला जा रहा हे वजन की मशीन न होने वजह से सब अंदाज से चल रहा हे जितनी सीमेंट में एक एमक्यूब कांक्रीट बनाना चाहिए उसमें डेढ़ एमक्यूब कांक्रीट बना लेते हे इस तरह की कांक्रीट की गुणवत्ता से हमेशा खिलवाड़ किया गया हे जो आज भी बदस्तूर जारी हे
पी सी सी का लेवल ऊंचा रख कर ऊपर की लेयर कम डाली जाती हे।
नर्मदा घाट निर्माण में ठेकेदार में सीमेंट बचाकर अपने फायदे के लिए लिए मुरूम का भरावा लेवल से 50से60एम एम ज्यादा कर देते हे और पी सी सी भी इतनी ही ज्यादा रखते हे ताकि ऊपर वाली कांक्रीट की लेयर जिसमे सीमेंट की मात्रा ज्यादा होती हे वो लेयर उसे कम डालनी पड़े जो आज भी नजर आ रही हे नर्मदा घाट पर की गई पी सी सी का लेवल ऊंचा हे जिसमे दूसरी लेयर डालने की तैयारी की जा रही हे वहां पर 200 एम एम याने की 8इंच कांक्रीट की जाना हे परंतु पी सी सी ऊंची होने के कारण अब वहां दूसरी लेयर तीन चार इंच डाल कर सीमेंट बचाने की तैयारी की जा रही हे इस खेल को समझते हुए भी नगर परिषद के सी एम ओ और उपयंत्री चुप बैठे हे
ठेकेदार की गलतियां छुपाने में लगे हे अधिकारी, उपयंत्री ।
नर्मदा घाट का निर्माण करने वाले ठेकेदार की गलतियां छुपाने के लिए नगर परिषद मंडलेश्वर के अधिकारी , इंजीनियर, घाट के नक्शे को भी एक तरफ रख कर उसे मनमाने तरीके नक्शे के विरुद्ध कार्य करवा रहे हे इसका ताजा उदाहरण घाट पर बनाई जा रही सीढ़ी (चढ़ाव)में देखने को मिल रहा हे नक्शे में सीढ़ियों में प्रत्येक टप्पे की ऊंचाई 8 इंच होना चाहिए ये स्पष्ट हे परंतु ठेकेदार के द्वारा शुरू के तीन टप्पे बनाने में गलती कर दी थी जिसके कारण बाकी के टप्पे 8 इंच के नहीं बन रहे थे तो नगर परिषद के उपयंत्री और अधिकारी ने सीढ़ी के बाकी टप्पो में एक की ऊंचाई 1फिट कर बाकी टप्पें 8 इंच ऊंचाई के बनवा दिए जबकि किया ये जाना चाहिए था कि सीढ़ियों के जो टप्पे गलत बने थे उन्हें तुड़वाकर फिर से सीढ़ी के टप्पे बनवाने चाहिए थे परंतु ठेकेदार के ऊपर ये मेहरबानी करते हुए ठेकेदार की गलती को छुपा कर उस पर रंग रोगन कर दिया गया हे और उसी जगह निर्झरणी महोत्सव का आयोजन भी किया गया था।
नर्मदा घाट निर्माण में की जा रही लापरवाहियों के बार में जब नगर परिषद के सी एम ओ शिवजी आर्य से बताया गया तो उन्होंने कहा कि निरीक्षण करवाया जाएगा और यदि कोई भी तकनीकी गड़बड़ी पाई जाती हे तो कार्यवाही की जाएगी ।
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