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Agri Bharat Samachar -  Indore, Jhabua and MP Hindi News

ग्री भारत समाचार से ब्यूरो चीफ मु. शफकत दाऊदी की रिपोर्ट् ।

आलीराजपुर । जिले के ग्राम नानपुर के श्वेतांबर जैन समाज द्वारा 4 सितंबर बुधवार को पर्युषण महापर्व अंतर्गत भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन मनाया गया। श्वेतांबर जैन मंदिर (प्राचीन नांदुरी तीर्थ)में जन्म वाचन किया। पश्चात भगवान महावीर स्वामी को  पालने में झुला झूलाकर आरती की गई। समाजजनों को केसर के छापे लगाए गए तथा पिंजरी की प्रभावना वितरित की गई।

श्वेतांबर जैन समाज द्वारा बुधवार को पर्युषण महापर्व अंतर्गत भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन मनाया गया।। नगर के जैन मंदिर में जन्म वाचन के। पश्चात भगवान महावीर स्वामी को पालने में झुला झूलाकर आरती की गई। समाजजनों को केसर के छापे लगाए गए तथा पिजरी की प्रभावना वितरित की गई। नानपुर पुराणिक परिवार के राकेश जी जैन की निश्रा में कल्पसूत्र वाचन के दौरान प्रभु महावीर का जन्म का प्रसंग समाजजनों की उपस्थिति में उल्लास एवं उत्साह से मनाया गया। महावीर भगवान की माता ने प्रभु के जन्म से पूर्व जो 14 शुभ स्वप्न देखे उनके चढ़ावे में समाजजनों ने भागीदारी की । तो बस तपस्वी यों ने अपने आत्मकल्याण की भावना से अनेक लोग जुड़े हुए हैं और निरंतर तप कर रहे हैं।भगवान महावीर स्वामी जी के जन्मोत्सव पर सभी समाज के लोग एकत्रित हुए और प्राचीन जैन मंदिर नांदुरी में धूमधाम से मनाया गया भगवान महावीर स्वामी को झूला  झुलाया जैन पुराणिक परिवार द्वारा आरती की गई उसके पश्चात मनीष जैन की तरफ से प्रभाव ना और प्रसाद वितरण किया गया भगवान महावीर स्वामी जी की आरती पुरानी परिवार राकेश जैन रीता जैन मनीष जैन प्रतीक्षा जैन रितेश जैन प्रीतेश जैन खुशबू जैन आशी जैन नमन जैन प्रेक्षा जैन पल जैन आरव जैन लाभ लिया आज की आंगी मूलनायक मनमोहन पारसनाथ पुजारी नवीन भाई ने बनाई जो बहुत ही सुंदर है यह प्राचीन तीर्थ 200 साल पुराना है जो बहुत ही चमत्कारी है इस तीर्थं का उल्लेख आज भी इतिहास में है । नांदुरी तीर्थ नानपुर का इतिहास उल्लेखनिय है की यह मंदिर नगर का अति प्राचिन मंदिर है । इतिहास की दृष्टिकोण से देखा जाये तो इस नगर का प्राचिन नाम नांदुरी नगरी था , तथा यहा पर 108 जिनालय और पुरे नगर मे जेन लोगो की बस्ती थी । जो कालांतर मे किसी प्राकृतिक आपदा के चलते अन्यत्र जगहो पर चले गये । नगर मे एक ही पुराणिक परिवार निवास करता है , जो इस मंदिर की देखरेक तथा उत्सवो का आयोजन करता आया है ।

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